नई दिल्ली। विज्ञानियों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक ऐसे जीन की पहचान की है जो बर्ड फ्लू के वायरस को इंसानों में फैलने से रोकने में सक्षम है। शोधकर्ताओं ने एक मानव प्रोटीन BTN3A3 का पता लगाया है जो एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस को रोकता है। इस अध्ययन का निष्कर्ष नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
MRC-यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो स्थित सेंटर फॉर वायरस रिसर्च (CVR) के विज्ञानियों ने पाया कि BTN3A3 आमतौर पर एवियन फ्लू के खिलाफ एक प्रमुख निरोधक के रूप में कार्य करता है।
मुर्गे और बत्तख में फैलता है एवियन इन्फ्लूएंजा
एवियन इन्फ्लूएंजा ए वायरस, जिसे आमतौर पर बर्ड फ्लू भी कहा जाता है, मुख्य रूप से बत्तख और मुर्गे जैसे पक्षियों में फैलता है। 2022 के बाद से दुनियाभर में घरेलू और जंगली दोनों पक्षियों में बर्ड फ्लू के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H5N1) वायरस के हालिया प्रकोप से दुनियाभर में रिकार्ड संख्या में पक्षियों की मौत हुई है।
एक अध्ययन में पाया गया कि यह वायरस ऊदबिलाव, समुद्री शेर, लोमड़ियों, डाल्फिन, सील, बिल्लियों सहित अन्य जीवों में भी फैल गया है। इस वायरस के बढ़ते प्रकोप पर विज्ञानियों ने गंभीर चिंता जताई है। पक्षियों से अन्य जीवों में फैलने की प्रवृत्ति से बर्ड फ्लू अगली महामारी का कारण बन सकता है।
हालांकि दुर्लभ इन्फ्लूएंजा ए वायरस कभी-कभी ही इंसानों को संक्रमित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 2003 से 2023 तक, विश्व स्तर पर 21 देशों से इन्फ्लूएंजा ए (H5N1) से संक्रमण के कुल 873 मानव मामले और 458 मौतें दर्ज की गई हैं।
H7N9 वायरस के मामले बढ़े
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि मौसमी इंसानी फ्लू वायरस की तुलना में जो मानव आबादी को नियमित रूप से संक्रमित करते हैं, BTN3A3 जीन मानव कोशिकाओं में एवियन फ्लू की प्रतिकृति को अवरुद्ध करने में सक्षम है।
अध्ययन में विज्ञानियों ने H7N9 वायरस के मामले पर भी प्रकाश डाला, जिसने साल 2013 में 40 प्रतिशत मृत्यु दर के साथ 1,500 से अधिक मनुष्यों को संक्रमित किया था। टीम ने पाया कि इन उपभेदों में आनुवांशिक उत्परिवर्तन होता है, जो उन्हें BTN3A3 जीन के खिलाफ प्रभावों से बचाता है।
अध्ययन के प्रमुख लेखक रूट मारिया पिंटो ने बताया कि पक्षियों में पहली बार उभरने पर BTN3A3 प्रतिरोधी वैरिएंट की पहचान करने से मानव में वायरस के संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है। उभरते एवियन फ्लू वायरस के खिलाफ नियंत्रण उपायों को विशेष रूप से उन लोगों के खिलाफ तैयार किया जा सकता है, जो जूनोटिक ट्रांसमिशन के लिए महत्वपूर्ण माने जाने वाले अन्य आनुवांशिक लक्षणों के अलावा BTN3A3-प्रतिरोधी हैं।
अध्ययन से पता चलता है कि इस जीन के प्रति प्रतिरोध होना इस बात में महत्वपूर्ण कारक हो सकता है कि किसी फ्लू स्ट्रेन में मानव महामारी की संभावना है या नहीं।
जानवरों से आते हैं महामारी वाले अधिकांश वायरस
CVR के निदेशक प्रोफेसर मासिमो पामारिनी ने बताया कि मानव महामारी की क्षमता वाले अधिकांश उभरते वायरस जानवरों से आते हैं। इसलिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि कौन-सी आनुवांशिक बाधाएं किसी पशु वायरस को मानव कोशिकाओं में स्थान बनाने से रोक सकती हैं, इससे संक्रमण को रोकने में मदद मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि यह जरूर है कि वायरस लगातार अपना स्वरूप बदल रहे हैं और समय के साथ उत्परिवर्तन करके संभावित रूप से इनमें से कुछ बाधाओं को दूर कर सकते हैं। यही कारण है कि वायरस की आनुवंशिक निगरानी हमें ज़ूनोटिक और महामारी क्षमता वाले वायरस के प्रसार को बेहतर ढंग से समझने और नियंत्रित करने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण होगी।