रायपुर।प्रदेश के स्कूलों में आज से बच्चों का शोरगुल और स्कूल की घंटियां सुनाई देंगी। आज से नए शिक्षा सत्र और शाला प्रवेश उत्सव की शुरुआत हो रही है। गर्मी की वजह से 16 जून की जगह 26 जून से स्कूल खोलने का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के जेएन पाण्डेय स्कूल में प्रवेश उत्सव में शामिल होंगे। उन्होंने कहा, सभी स्कूलों में प्रवेश उत्सव मनाकर नन्हें-मुन्हें बच्चों का स्वागत किया जाए।
भूपेश बघेल ने कहा, पिछले वर्ष राज्य में 5173 बालवाड़ियां शुरू की गई थीं। इस साल 4318 बालवाड़ियां और खोली जा रही हैं। अब इनकी संख्या बढ़कर 9491 हो जाएंगी। इन जगहों पर स्थानीय बोली में बच्चे पढ़ेंगे। भूपेश बघेल ने सभी जनप्रतिनिधियों से अनुरोध किया है कि नजदीक के विद्यालय में जाकर बच्चों का मनोबल बढ़ाएं और शिक्षकों के साथ शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता को सुधारने में लगातार सहयोग भी करें।
इस साल स्कूल खुलते ही बच्चों को फ्री बुक और यूनिफॉर्म जैसी चीजें देने और 9वीं में प्रवेश लेने वाली छात्राओं को निःशुल्क साइकिल देने की व्यवस्था की गई है।
नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के साथ ही हमें शिक्षा की गुणवत्ता शिक्षा के प्रति जन-जन का लगाव बढ़ाने का अवसर मिल रहा है। हमारा यह संकल्प है कि प्रदेश में उत्कृष्ट शिक्षा का वातावरण तैयार करने के लिए सभी व्यवस्थाएं स्कूल खुलने के पहले दिन से ही सुनिश्चित हों।
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा, प्रदेश में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के तहत अंग्रेजी माध्यम के 377 और हिन्दी माध्यम के 350 स्कूल शुरू किए गए हैं। इन विद्यालयों की लोकप्रियता निजी स्कूलों से भी कहीं बेहतर है। हमारी सरकार ने बच्चों को अंग्रेजी भाषा सीखने पर विशेष ध्यान दिया है। ताकि वे वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पूरे आत्मविश्वास के साथ खड़े हो सके। वहीं दूसरी ओर हमने बच्चों की शिक्षा-दीक्षा स्थानीय बोलियों में करने की व्यवस्था भी की है।
प्रदेश में 20 भाषा-बोलियों में द्वि-भाषीय पुस्तकें तैयार की गई हैं। जिससे छत्तीसगढ़ में रहने वाले बच्चों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाई की शुरुआत करने का अवसर मिल सके। बीते कई साल से स्कूल, भवनों की मरम्मत और रंग-रोगन भी नहीं हो पाया था। कई स्कूल भवन जर्जर हो चुके थे। हमारी सरकार ने ऐसे सभी स्कूल-भवनों की मरम्मत करने का संकल्प भी लिया है। ‘मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना’ के तहत 29 हजार 284 स्कूल भवनों की मरम्मत के लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है।