छत्तीसगढ़: ढेबर-पुरोहित समेत सभी 13 तक रहेंगे जेल में, कोर्ट में बोले एपी त्रिपाठी- ED वालों ने धमकाया,जबरन कराए दस्तखत

रायपुर। शराब घोटाला मामले में शुक्रवार को फिर कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी रह चुके एपी त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लन और नितेश पुरोहित को अदालत में पेश किया गया। करीब 2 से 3 घंटे चली बहस के बाद अदालत ने 13 जून तक सभी को जेल भेज दिया है। ED ने भी सभी के लिए कोर्ट से 14 दिन की न्यायिक रिमांड मांगी थी।

इससे पहले यह सभी रायपुर के सेंट्रल जेल में ही रह रहे थे। शुक्रवार को रिमांड खत्म होने की वजह से इन्हें अदालत में पेश किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय के अधिवक्ता सौरभ पांडे ने अदालत में कहा, ये सभी प्रभावशाली लोग हैं। यदि इन्हें रिमांड पर नहीं लिया गया तो ये जांच को प्रभावित कर सकते हैं। क्योंकि जांच किस दिशा में जा रही है। इन्हें पता चल चुका है कि ED किन्हें टटोल सकती है। बाहर गए तो ये गवाहों को प्रभाव में ले सकते हैं और सबूतों के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। इसलिए इन्हें राहत नहीं मिलनी चाहिए। अदालत ने तथ्यों को सुनने के बाद इन सभी को फिर से रिमांड पर भेज दिया है।

एपी त्रिपाठी समेत सभी को जेल से कोर्ट लाया गया। जज के सामने पेश किया गया। ये सभी कोर्ट रूम के कटघरे में खड़े थे। कुछ देर तक सुनवाई चली, अचानक बीच में आबकारी अधिकारी त्रिपाठी ने कहा- जज साहब, मुझे और मेरी पत्नी को टाइम-बेटाइम प्रताड़ित किया गया। रात के 3 बजे तक बैठाकर रखा, मेरी पत्नी को डरा-धमकाकर दबाव बनाते हुए हस्ताक्षर करने के लिए कहा।

एपी त्रिपाठी ने कोर्ट को बताया, मेरे सामने बहुत लोगों को पीटा गया, फिर कहा कि अब मेरा नंबर होगा। मुझे टॉर्चर करके जबरिया हस्ताक्षर कराया गया। जबरदस्ती कुछ लोगों के नाम लेने का दबाव बनाया गया। जज ने उन्हें शांत रहने को कह दिया।

ED की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडे ने कहा कि बचाव के लिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने भी ऐसे ही आरोप लगाकर जमानत की मांग की थी। मगर शुक्रवार को इन तथ्यों को दरकिनार कर कोर्ट ने रिमांड पर सभी को भेज दिया।

ढेबर ने भी लगाई जमानत की अर्जी
अनवर ढेबर की ओर से भी अदालत में शुक्रवार को जमानत की अर्जी पेश की गई। फौरन इस अर्जी पर कुछ नहीं हुआ। अदालत ने 13 जून को इस मसले पर सुनवाई का वक्त दिया है। ढेबर की ओर से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी ने कहा कि ढेबर के खिलाफ की गई कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। इस वजह से अदालत से हमने राहत की मांग की है।