41 साल के धोनी ने नहीं की विकेटकीपिंग की प्रैक्टिस, फिर भी 0.1 सेकंड में कैसे की स्टम्पिंग?

MS Dhoni did not Practice for wicket keeping in spite of that does lightning fast stumping in IPL 2023 Final

नई दिल्ली। चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के लिए आईपीएल 2023 बेहद खास रहा है। वह इस सीजन सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज नहीं हैं और न ही उन्होंने कोई बड़ी पारी खेली, लेकिन वह अपनी टीम को चैंपियन बनाने में सफल रहे। इसके अलावा उन्होंने डेथ ओवरों में तेजी से रन बनाए और उनका स्ट्राइक रेट बेहद शानदार रहा। विकेट के पीछे उन्होंने अपनी विकेटकीपिंग और कप्तानी से इस सीजन भी खासा प्रभावित किया। 

आईपीएल 2023 के फाइनल मुकाबले में धोनी ने शानदार स्टंपिंग कर शुभमन गिल को आउट किया और मैच में अपनी टीम की वापसी कराई। धोनी ने यह स्टंपिंग करने में सिर्फ 0.1 सेकेंड का समय लिया। 41 साल के धोनी की फुर्ती देखकर सभी हैरान रह गए। वीरेन्द्र सहवाग से लेकर सचिन तक कई दिग्गजों ने धोनी की तारीफ की। सभी ने माना कि 41 साल की उम्र में भी धोनी दुनिया के सभी विकेटकीपर से तेज हैं।  

नहीं करते विकेटकीपिंग का अभ्यास 
महेंद्र सिंह धोनी नेट्स में विकेटकीपिंग का ज्यादा अभ्यास नहीं करते हैं। वह बल्लेबाजी के लिए मेहनत करते हैं और समय मिलने पर उन्हें गेंदबाजी करना भी रास आता है। भले ही मैच में उन्हें कभी यह जिम्मेदारी नहीं मिलती। चेन्नई के कोच स्टीफन फ्लेमिंग ने भी माना धोनी विकेट कीपिंग में बेजोड़ हैं। इस आईपीएल में उन्होंने विकेट कीपिंग पर बिल्कुल भी अभ्यास नहीं किया। डेवोन कॉन्वे के साथ एक बार जरूर वह विकेट कीपिंग के लिए उतरे, लेकिन वह एक तरह से मजाक था। 

कैसे की 0.1 सेकेंड में स्टंपिंग 
धोनी के विकेटकीपिंग करने का अंदाज क्रिकेट के नियमों से अलग है। इसी वजह से वह बाकी विकेटकीपर से भी अलग हैं। कोई भी युवा क्रिकेटर जब विकेटकीपर बनने का फैसला करता है तो कोच उसे कुछ मूलभूत चीजें बताते हैं, जो विज्ञान पर आधारित हैं। इनमें पहली बात यह है कि हमेशा हल्के हाथ से गेंद पकड़नी चाहिए और गेंद पकड़ते समय आपके हाथ उसी दिशा में जाने चाहिए, जिधर गेंद जा रही हो। इससे गेंद की ऊर्जा हाथ में आ जाती है और गेंद आसानी से आपके दस्तानों में समां जाती है। वहीं, विकेटकीपर के हाथ सख्त होने पर गेंद छिटकने का खतरा रहता है, क्योंकि गेंद हाथ से टकराती है और उसकी ऊर्जा उसे विपरीत दिशा में ले जाती है।  

क्रिकेट जगत में लगभग सभी विकेटकीपर इसी अंदाज में गेंद पकड़ते हैं। धोनी के मामले में ऐसा नहीं है। उन्होंने शुरुआत से विकेटकीपिंग नहीं सीखी। उनकी स्वाभाविक प्रतिभा उन्हें बेहतरीन विकेटकीपर बनाती है। धोनी आमतौर पर गेंद पकड़ते समय अपने हाथ पीछे नहीं ले जाते। उनके दस्ताने हमेशा विकेट के ठीक पीछे रहते हैं और वहीं से गेंद पकड़कर वह सीधे स्टंपिंग कर देते हैं। इसी वजह से बल्लेबाज को क्रीज में वापस आने का समय नहीं मिलता है। वहीं, बाकी विकेटकीपर गेंद पकड़ते समय हाथ पीछे ले जाते हैं और गेंद पकड़ने के बाद स्टंपिंग करते हैं। इसमें समय लग जाता है।  

आम इंसान अगर धोनी के तरीके से गेंद पकड़ने की कोशिश करता है तो अक्सर उससे गेंद छूट जाती है, लेकिन धोनी हमेशा इसी अंदाज में गेंद पकड़ने में सफल रहते हैं। विकेटकीपिंग के समय धोनी विज्ञान के नियमों को भी मात देते हैं। इसी वजह से वह इस मैच में भी 0.1 सेकेंड में स्टंपिंग करने में सफल रहे। धोनी ने कई मौकों पर कैच छोड़े हैं, लेकिन स्टंपिंग के मामले में उनका कोई शानी नहीं है।