छत्तीसगढ़: शराब घोटाले के चारों आरोपियों को कोर्ट में किया गया पेश, सुनवाई जारी

रायपुर। एक्साइज मामले के चारों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया गया. इन चार लोगों में अनवर ढेबर, एपी त्रिपाठी, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लन (पप्पू) शामिल हैं. अजय सिंह राजपूत की कोर्ट में मामले की सुनवाई जारी है.

रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने 15 मई को रायपुर मेयर के भाई और कारोबारी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, त्रिलोक सिंह ढिल्लन उर्फ पप्पू ढिल्लन और आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरूणपति त्रिपाठी की हिरासत बढ़ाई थी. इन सभी आरोपियों को 19 मई तक ईडी की हिरासत में रखने का आदेश हुआ था.

छत्तीसगढ़ में कथित 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ईडी ने अनवर ढेबर के बाद तीन और लोगों को ईडी ने गिरफ्तार किया था. जिनमें एपी त्रिपाठी,नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लों का नाम शामिल है. इसके साथ ईडी ने 28 करोड़ रुपए की संपत्ति सीज किया है. इसकी जानकारी ईडी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल में ट्वीट कर दी थी. 

आपको बता दें कि बीते 9 मई को ईडी ने हवाला कारोबारियों से जुड़े विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली थी. इसके बाद से छत्तीसगढ़ में हलचल तेज है. आशंका जताई जा रही है शराब घोटाले के पैसे हवाला में लगाया गया है. इसके अलावा बताया जा रहा है कि ईडी ने अपनी जांच में पता लगाया है कि अनवर ढेबर का करीबी सहयोगी नितेश पुरोहित अवैध रूप से जमा की गई नकदी को संभालने और ले जाने में शामिल था. वह अनवर ढेबर के निर्देश के अनुसार नगदी का परिवहन कर रहा था. 

शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी एपी त्रिपाठी को मुंबई से पकड़ा गया है. आरोप है कि वो पूछताछ में शामिल नहीं हो रहे थे. शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने में रिश्वत लेने, फर्जी होलोग्राम बनाने की डील में 90 लाख लेने जैसी बातें सामने आई हैं. त्रिपाठी के जब्त लैपटॉप और फोन से कई चैट मिलने की बात कही जा रही है, जो शराब घोटाले में रुपयों के लेन-देन और सिंडिकेट की गुप्त बैठकों से जुड़े हैं.

ईडी ने 28 करोड़ रुपए की संपत्ति की सीज
त्रिलोक सिंह ढिल्लों पर आरोप लगे है कि उसने अपने स्वेच्छा से और जानबूझकर अपने बैंक खातों और फर्मों को बड़ी मात्रा में घोटाले पैसे के लिए उपयोग करने की अनुमति दी थी. इस मामले में प्रमुख लाभार्थी है. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल उनके फर्मों के नाम पर 27.5 करोड़ रुपए की एफडी फ्रिज कर दी है और 52 लाख रुपए नगदी भी जब्त की है.