बिलासपुर। शिक्षक भर्ती को लेकर मीडिल स्कूलों में विषय की बाध्यता खत्म करने के शासन के नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. इस मामले में हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. दरअसल, प्रदेश में 12000 से ज्यादा शिक्षकों की भर्ती निकली है. जिसमें 5772 पद शिक्षक ENT संवर्ग के है. इसमें मीडिल स्कूलों में शिक्षक के पदों पर की जा रही भर्ती में विषय की बाध्यता को खत्म करने के शासन के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
मीडिल स्कूलों में शिक्षक के पदों पर भर्ती के लिए नियम था कि जिस विषय में शिक्षक के पद पर भर्ती के लिए अप्लाई किया जा रहा है, वह विषय ग्रेजुएशन में वैकल्पिक विषय के रूप में लिया गया हो. इस वर्ष शिक्षक के पदों पर शासन ने बड़ी संख्या में भर्ती निकाली है. शिक्षक ई (एज्युकेशन) के 1113 पदों पर और शिक्षक टी (ट्राइबल) के 4659 पदों पर भर्ती की जानी है. जिसके लिए शैक्षणिक योग्यता में न्यूनतम 45% अंकों के साथ ग्रेजुएशन उत्तीर्ण होना और बीएड, डीएड, डीएलएड डिग्री धारी होना और शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य रूप से मांगा गया है.
12 जून को अगली सुनवाई
कवर्धा की गायत्री वर्मा ने अधिवक्ता अजय श्रीवास्तव के माध्यम से शासन के इस नियम को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. वेकेशन जज जस्टिस संजय एस अग्रवाल और रजनी दुबे की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई. मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. इस मामले की अगली सुनवाई 12 जून को रखी गई है. इधर इससे पहले 10 जून को शिक्षक भर्ती परीक्षा हो जाएगी.