रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज बोरे-बासी तिहार मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नंदकुमार साय समेत कई नेताओं ने साइंस कॉलेज मैदान में श्रमिकों के साथ बोरे-बासी का स्वाद लिया। अथान, चटनी, भाजी, बड़ी-बिजौरी और गोंदली (प्याज) के साथ बोरे-बासी तिहार में सामूहिक भोज का आयोजन हुआ। प्रदेश भर में आज तमाम मंत्री नेता, जनप्रतिनिधि, IAS और IPS अफसर बोरे-बासी खाकर तिहार मना रहे हैं।
मोहन मरकाम ने परिवार के साथ बोरे-बासी खाया। भूपेश बघेल ने आम नागरिकों को उत्साह के साथ बोरे-बासी त्यौहार में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा, पूरी दुनिया में एक मई को मेहनत के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। लेकिन हमारे प्रदेश में यह दिवस इसलिए और भी खास है क्योंकि हमारा प्रदेश किसानों,आदिवासियों और मजदूरों का प्रदेश है
हमारे खेत, जंगल, खदान और कारखानों को हमने पसीने से सींचकर खड़ा किया है।ये हमारी ताकत है। इन सभी जगहों पर अपना पसीना बहाने वाले लोगों ने ही प्रदेश को अपने कंधों पर संभाल रखा है। इनके श्रम का सम्मान करने और श्रम का उत्सव मनाने के लिए हमने एक मई को बोरे बासी तिहार के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
भूपेश बघेल ने बताई बोरे-बासी की खूबियां
मुख्यमंत्री ने अपने संदेश में बोरे-बासी की खूबियां और इसको खाने के फायदे को भी बताया है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ की संस्कृति में बोरे बासी का बड़ा महत्व है।किसानों और श्रमिकों के साथ आम छत्तीसगढ़िया लोगों का भी यह बड़ा प्रिय आहार है। अपने पौष्टिक गुणों और स्वाद के कारण यह हमारी लोक-संस्कृति में इस तरह रच-बस गया है।
यह हमारे गीतों और लोक-कथाओं में भी शामिल हो गया है।गर्मी के दिनों में बोरे बासी शरीर को ठंडा रखता है।पाचन शक्ति बढ़ाता है। त्वचा की कोमलता और वजन संतुलित करने में भी यह राम बाण है। बोरे-बासी में सारे पोषक तत्व मौजूद होते हैं।