रायपुर। पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय और संगठन महामंत्री पवन साय ने दिग्गज आदिवासी नेता नंदकुमार साय के निवास पर जाकर भेंट करने का प्रयास किया. वहां जानकारी दी गई कि वे दिल्ली में हैं, उनसे दूरभाष से संपर्क करवाने का निवेदन किया गया, उन्हें सूचना दे दी गई, लेकिन उनकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
मालूम हो कि नंदकुमार साय के इस्तीफ़े और उनके कांग्रेस प्रवेश की अटकलों के बीच अब पार्टी स्तर पर उनके मान मनौव्वल का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी प्रदेश संगठन मंत्री पवन साय और पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय देर रात नंदकुमार साय के घर पहुँचे, लेकिन मुलाक़ात नहीं हो सकी. नेताओं को साय के दिल्ली में होने की जानकारी दी गई. इस बीच फ़ोन पर संपर्क करने की भी लगातार कोशिश की जाती रही लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
नंदकुमार साय के बेटे से पवन साय और विष्णुदेव साय ने मुलाक़ात की. क़रीब दो घंटे तक दोनों नेता घर पर रहे. उम्मीद थी कि नंदकुमार साय तक उनके आने की सूचना पर किसी तरह से बातचीत हो सके लेकिन बात नहीं हो सकी.
इस्तीफे में क्या कहा साय ने ?
साय ने इस्तीफा में लिखा कि भारतीय जनता पार्टी के गठन और अस्तिव में आने के प्रारंभ से लेकर आज पर्यन्त तक पार्टी द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण पदों और उत्तरादायित्व की जितनी भी जिम्मेदारी मुझे दी गई, उसे पूरे समर्पण एवं कर्तव्य परायणता के साथ मैने अपने उत्तरदायित्व एवं पदों का निर्वहन किया, जिसके लिए मैं पार्टी का आभार व्यक्त करता हूं.
पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंदी रच रहे साजिश- साय
साय ने आगे लिखा कि पिछले कुछ वर्षों से भारतीय जनता पार्टी में मेरी छवि धूमिल करने के उद्देश्य से मेरे विरूद्ध अपनी ही पार्टी के राजनीतिक प्रतिद्वंदियों द्वारा षड़यंत्रपूर्वक मिथ्या आरोप और अन्य गतिविधियों द्वारा लगातार मेरी गरिमा को ठेस पहुंचाया जा रहा है, जिससे मैं अत्यंत आहत महसूस कर रहा हूं. उन्होंने लिखा कि बहुत गहराई से विचार करने के बाद मैं भारतीय जनता पार्टी की अपनी प्राथमिक सदस्यता एवं अपने सभी पदों से इस्तीफा दे रहा हूं.