रायपुर। चुनावी साल में कलेक्टर कांफ्रेंस के बाद सरकार ने कई जिलों के कलेक्टरों को बदलने की तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी जिलों के कलेक्टरों की परफार्मेंस रिपोर्ट मुख्य सचिव से मंगाई है। प्रदेश में पहली बार छह जिलों की कमान महिला आइएएस अधिकारियों के पास है। चुनाव से पहले इनमें से कुछ अधिकारियों को वापस बुलाया जाएगा। इसके साथ ही कुछ आइएएस अधिकारी जून में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में मंत्रालय के कामकाज को प्रभावी बनाने के लिए जिले में तैनात अधिकारियों को मंत्रालय बुलाया जाएगा। राज्य निवार्चन आयुक्त ठाकुर राम का कार्यकाल पूरा हो रहा है। ऐसे में संकेत मिल रहे हैं कि मुख्यमंत्री के सचिव डीडी सिंह को राज्य निर्वाचन आयोग भेजा जा सकता है।
उच्च प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सरकार ने नए जिलों की जिम्मेदारी युवा आइएएस अधिकारियों को सौंपी है। बताया जा रहा है कि उन जिलों में प्रमोटी आइएएस को मौका मिल सकता है। कांग्रेस सरकार बनने के बाद प्रमोटी आइएएस को कई महत्वपूर्ण जिलों में काम करने का अवसर दिया गया। इसमें कई अधिकारियों ने बेहतर काम करके सरकार की छवि को बनाने का काम किया है। बताया जा रहा है कि सात जिले में कलेक्टरों का कार्यकाल डेढ़ साल से ज्यादा का हो गया है। इसमें से कुछ जिलों में बदलाव किया जाएगा। केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अधिकारियों के हाल-फिलहाल में वापस आने के कोई संकेत नहीं है। ऐसे में सरकार मंत्रालय के कामकाज को मजबूत करने के लिए कुछ वरिष्ठ आइएएस को फिल्ड से वापस बुला सकती है।
एसपी और पुलिस मुख्यालय में भी होगा बदलाव
उच्च प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो कई जिलों के एसपी को भी बदला जाएगा। संकेत मिल रहे हैं कि बस्तर और दुर्ग संभाग के करीब आठ आइपीएस को बदला जाएगा। इसके साथ ही पीएचक्यू में पदस्थ एक-दो आइजी की रेंज में तैनाती हो सकती है। प्रभारी आइजी के भरोसे सरकार चुनाव में जाने को तैयार नहीं है। निर्वाचन आयोग से भी आपत्ति आ सकती है। ऐसे में सरकार पहले ही सतर्क होकर बदलाव पर विचार कर रही है।