रायपुर। चोरी के ट्रकों के फर्जी दस्तावेज बनाकर दूसरे राज्यों में बेचने वाले गिरोह का एक और कारनामा सामने आया है। गिरोह ने एक कारोबारी को दूसरों के नाम से रजिस्टर्ड 12 ट्रक बेच दिए। इसके बदले दो करोड़ रुपये लिए। फर्जीवाड़े का राजफाश होने पर बिहार और रायपुर पुलिस ने इन ट्रकों को जब्त कर लिया। कारोबारी ने ट्रक बेचने वाले और उसके सहयोगियों के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत की। पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ अपराध दर्ज कर लिया है।
पुलिस के मुताबिक तिल्दा-नेवरा निवासी जगदीप प्रसाद सिंघानिया की भिलाई निवासी राजेश यदु से पहचान थी। राजेश पुराने ट्रक और अन्य वाहनों की खरीदी-बिक्री करता है। उसने जगदीश को 12 ट्रक बेचे और दो करोड़ आठ लाख रुपये लिए। राजेश ने ट्रकों का रजिस्ट्रेशन अपने नाम पर होना बताकर आरटीओ के फर्जी दस्तावेज बनाकर उसे दे दिया। कुछ माह पहले बिहार पुलिस और रायपुर पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक राज्य के चोरी के ट्रकों को दूसरे राज्य में बेचने के बड़े फर्जीवाड़े का राजफाश किया। जांच के दौरान पता चला कि राजेश द्वारा बेचे गए ट्रक चोरी के हैं। ट्रक बिहार के हैं और दूसरे के नाम पर हैं। राजेश ने इसके फर्जी दस्तावेज बनाए थे। पुलिस ने राजेश और उसके साथियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है।
250 से ज्यादा ट्रक जब्त
ट्रक चोरी कर दूसरे राज्यों के आरटीओ से दस्तावेज बनवाकर बेचने के मामले में अब तक 250 ट्रक पुलिस जब्त कर चुकी है। इस गिरोह का लिंक कई राज्यों से है। मामले में 10 से ज्यादा आरोपित जेल में बंद हैं। कुछ आरोपित फरार हैं।
पुलिस को चकमा देकर फरार आरोपी नहीं लगा हाथ
खमतराई पुलिस ने नवंबर में ट्रक लीज में लेकर उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और झारखंड में बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने मामले में 12 से अधिक आरोपितों को गिरफ्तार किया था। तीन जनवरी की रात को इस गिरोह का सदस्य शाहबुद्दीन अहमद काजी डा. भीमराव आंबेडकर अस्पातल से प्रहरियों को चकमा देकर फरार हो गया। पुलिस को अब तक उसका सुराग नहीं मिला है। रायपुर पुलिस उसके रिश्तेदारों पर नजर रखे हुए हैं। शहाबुद्दीन ट्रक चोरी और उसको खपाने का मुख्य आरोपित है।