छत्तीसगढ़ः कर्नाटक पुलिस 4 दिन से भटक रही, कोल कारोबारी से नहीं करने दिया पूछताछ; कोर्ट ने जेल अधीक्षक को नोटिस थमाया

रायपुर। सेंट्रल जेल में कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में बंद है। IT अफसरों से बदसलूकी और कोल वसूली के मामले में बैंगलुरू में भी इस कारोबारी के खिलाफ केस दर्ज है। इस मामले में पूछताछ के लिए बीते 4 दिनों से कर्नाटक पुलिस राजधानी में भटक रही है। कर्नाटक से आई जांच टीम को न ही जेल से सहयोग मिला न ही अस्पताल से।

अब रायपुर की विशेष अदालत ने इस मामले को सख्ती से लिया है। रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक को इस मामले में कारण बताओ नोटिस दिया गया है। बार-बार कर्नाटक टीम को यह कहकर टाला गया कि कारोबारी की तबीयत ठीक नहीं है। अदालत ने यह भी पूछा है कि कारोबारी को ऐसी कौन सी बीमारी हो गई है, यह भी अदालत को बताया जाये।

शुक्रवार शाम 21 अप्रैल को इस मामले में जेल अधीक्षक और अस्पताल प्रबंधन को अदालत में जवाब देना है। कारोबारी का अंबेडकर अस्पताल में इलाज जारी होने का दावा किया गया है। कर्नाटक पुलिस ने अदालत से पूछताछ की अनुमति मांगी थी। ट्रांजिट रिमांड के लिए कर्नाटक पुलिस टीम ने अदालत में अर्जी दी है। शुक्रवार को इस मामले में आगे क्या होगा, ये परिस्थिति साफ होगी।

मालूम ही कि आधा दर्जन पुलिस कर्मी कर्नाटक के बैंगलुरू से रायपुर आए हुए हैं। दरअसल कारोबारी के खिलाफ बैंगलुरू में मिले सबूतों के आधार पर FIR दर्ज कराई गई। केस अवैध वसूली का है, इसी सिलसिले में कर्नाटक पुलिस पूछताछ करना चाहती है। 18 अप्रैल को कर्नाटक पुलिस को रायपुर की विशेष अदालत ने जेल में पूछताछ करने की मंजूरी दे दी। रायपुर की सेंट्रल जेल में दोपहर से रात 8 बजे तक कर्नाटक पुलिस को बैठाया गया, फिर जेल अधीक्षक ने कह दिया कि वह बीमार है, कोई पूछताछ नहीं की जा सकती।

19 तारीख को फिर कर्नाटक पुलिस ने अस्पताल का रुख किया। वहां कह दिया गया कि जेल से अपने साथ किसी कर्मचारी को लाएं, तभी पूछताछ कर सकते हैं। फिर कर्नाटक पुलिस जेल गई, वहां से कोई अस्पताल नहीं आया। फिर अस्पताल की ओर से कह दिया गया कि आरोपी की तबीयत ठीक नहीं है, उनसे पूछताछ नहीं की जा सकती। अब 20 तारीख को कर्नाटक पुलिस ने अदालत को सबकुछ बताया। जेल अधीक्षक के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने को कहा। इस पर अब अदालत ने जेल अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस दिया है, अस्पताल से भी बीमारी के बारे में जवाब देने को कहा गया है।

दरअसल पिछले साल कोल अवैध वसूली टैक्स चोरी के मामले में IT की सेंट्रल टीम ने रायपुर में छापेमारी की थी। तब खबर मिली कि कारोबरी बैंगलुरू के एक होटल में छिपा हुआ है। वहां आयकर टीम को कई अहम सबूत मिले। इसे ध्यान में रखकर वहीं केस दर्ज किया। होटल के कमरे में जब कारोबारी को ट्रेस करते हुए टीम पहुंची, तो वहां गजब ड्रामा हुआ। ये खुलासा खुद आयकर के शिकायत पत्र में लिखा गया है।

आयकर विभाग के अफसरों ने अपनी शिकायत में कहा कि जांच के दौरान आरोपी ने अपने मोबाइल को तोड़कर कमोड में फ्लश कर दिया। कई दस्तावेज उन्होंने फाड़ दिए और उसे चबा गए। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने रोकने का प्रयास किया, तो उन्हें धक्का दिया। बीते साल इनकम टैक्स की टीम 30 जून को कोल व्यापारी से पूछताछ के लिए बैंगलुरु के होटल शेरेटन ग्रांड पहुंची थी। आरोप है कि कमरा नंबर 664 में ठहरे आरोपी को जैसे ही टीम ने अपनी पहचान बताई, उसने भागकर खुद को बाथरूम में बंद कर लिया। बाथरूम के फर्श पर पटक कर अपना आई फोन तोड़ा और उसे कमोड में फ्लश करने की कोशिश की। काफी समझाने के बाद सूर्यकांत तिवारी ने बाथरूम का दरवाजा खोला। जिसके बाद कमोड से आईफोन बरामद किया गया।

टीम ने यह भी आरोप लगाया है कि बाथरूम से बाहर आते ही आरोपी ने अपनी जेब से कुछ कागज निकाला और उसे फाड़कर मुंह में डालकर चबाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो अफसरों को धक्का देकर मारपीट की कोशिश की गई। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने आरोपी से जांच में सहयोग करने और कागज को थूकने के लिए कहा। आरोप है कि उसने मोबाइल में उपलब्ध महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों से छेड़छाड़ की। उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया था। इन नष्ट किए गए कागज और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में उपलब्ध जानकारी और दस्तावेज अत्यंत महत्वपूर्ण थे।

पिछले साल छापेमारी में आरोपी के रायपुर व महासमुंद स्थित मकान में आयकर विभाग ने भी जांच पड़ताल की थी। कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड की कार्रवाई हुई। प्रदेश में हुई इस जांच के बाद आयकर विभाग की तरफ से कहा गया कि जांच में 200 करोड़ रुपये से अधिक कलेक्शन के सबूत मिले थे।