छत्तीसगढ़ः शराब कारोबार से जुड़े लोगों और अधिकारियों के ठिकानों पर ED की पड़ताल पूरी, आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को कोर्ट लेकर पहुंची ED

रायपुर। शराब कारोबार से जुड़े लोगों और अधिकारियों के ठिकानों पर ईडी की जांच पूरी हो गई है. खबर है कि ईडी कुछ शराब कारोबारी समेत कुछ अधिकारियों को अपने साथ ईडी दफ़्तर ले गई है. चर्चा है कि इन लोगों को ईडी कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी. इस संकेत के बाद हड़कंप मच गया है.

बता दें कि बुधवार को छत्तीसगढ़ के कई जिलों में ED की टीम ने छापेमारी की थी. जहां-जहां इन्वेस्टिगेशन पूरी हो गई है, वहां से ED की टीम अधिकारी और ठेकेदारों को दफ्तर लेकर पहुंची है. ED ने अब तक किसी की भी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की है.

अधिकारी और ठेकेदारों को कोर्ट लेकर पहुंची ED

बता दें कि अधिकारी और ठेकेदारों को ED की टीम कोर्ट लेकर पहुंची हैं. कोर्ट के चारों गेट बंद कर दिए गए हैं. गेट के अंदर कड़ी सुरक्षा की तैनाती है. बताया जा रहा है कि ED की टीम आधा दर्जन से ज्यादा लोगों को कोर्ट लेकर पहुंची है. जहां ईडी कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगेगी.

कहां-कहां पड़े छापे ?

दरअसल, कोल परिवहन में अवैध उगाही मामले की जांच कर रही ईडी ने शराब कारोबारियों के घर मंगलवार को दबिश दी. ईडी ने शराब कारोबारियों के साथ-साथ आबकारी महकमे से जुड़े अधिकारियों के घर पर भी रेड की कार्रवाई की. ईडी की कार्रवाई का दायरा रायपुर, दुर्ग-भिलाई से बिलासपुर तक रहा.

ईडी ने राज्य के बड़े शराब कारोबारियों अमोलक सिंह भाटिया, पप्पू भाटिया, अनवर ढेबर, विनोद बिहारी, सौरभ केडिया, मनजीत चावला सहित अन्य लोगों के ठिकानों पर दबिश दी. साथ ही आबकारी विभाग के अधिकारी ए पी त्रिपाठी, एडीओ जनार्दन कौरव के ठिकानों पर भी छापा मारा है. करीब दो साल पहले त्रिपाठी के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने भी दबिश दी थी. तब बड़े पैमाने पर दस्तावेज हासिल किए गए थे.

ईडी की अलग-अलग टीम शराब कारोबार और आबकारी विभाग से जुड़े लोगों के ठिकानों पर सुबह छह बजे ही पहुंच गई थी. ईडी ने सभी घरों में लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया. सीआरपीएफ के जवानों ने घेराबंदी कर दी. जानकारी ये भी सामने आई थी कि ईडी की टीम दस्तावेजों को खंगालने के साथ-साथ कड़ी पूछताछ भी कर रही है.

बता दें कि मंगलवार को ईडी ने रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़ और भिलाई में बड़े उद्योगपति समेत कारोबारियों और अधिकारी के 16 से अधिक ठिकानों पर दबिश दी थी. ईडी की जांच देर रात तक चली.

इस दौरान ईडी ने उद्योगपति कमल सारडा, जमीन दलाल सुरेश बांदे, सीए प्रमोद जैन, खनिज विभाग के संचालक रहे के डी कुंजाम, उद्योग विभाग के अधिकारी शुक्ला, कांग्रेस कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के बेटे वैभव अग्रवाल व दामाद नितिन के दफ्तरों में दबिश देकर जांच पड़ताल की थी.

गौरतलब है कि इसके पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और ED पर हमला बोला था. CM भूपेश बघेल ने कहा था कि आज छत्तीसगढ़ में फिर ईडी (ED) के छापे पड़े हैं. उद्योगपति, व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, विधायक, अधिकारी, किसान कोई ऐसा वर्ग बचा नहीं है, जहां छापा ना डाला हो. छापा नहीं डलता तो केवल मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक में लगता है वहां ईडी (ED) का ऑफिस ही नहीं है.

आगे सीएम बघेल ने कहा था कि महाराष्ट्र में जब तक उद्धव ठाकरे तक की सरकार थी तब तक ईडी, सीबीआई, सेंट्रल एजेंसी सब सक्रिय थी. जैसे ही सरकार बदली खरीद-फरोख्त हुआ, उसके बाद से उसका कोई काम नहीं रहा है. भारतीय जनता पार्टी प्रदेश के नेता और राष्ट्र नेताओं द्वारा सब किया जा रहा है. ईडी निष्पक्ष होना चाहिए. कर्नाटक में जहां 6 करोड़ एक विधायक के यहां मिला उसको बेल मिल गया. आज पता चला हाईकोर्ट ने उस बेल को खारिज कर दिया. वहां छापा नहीं डालते यह स्थिति देश की है.