नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के बचे वक्त के लिए विपक्षी दलों ने नई रणनीति बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल सोमवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। कांग्रेस सांसदों की बैठक में इससे जुड़ा प्रस्ताव रखा गया था। कांग्रेस इस संबंध में अन्य विपक्षी दलों से बात कर रही है।
जानकारी के मुजाबिक, 19 विपक्षी पार्टी के सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकते हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए 50 विपक्ष के लोकसभा सांसद के हस्ताक्षर की जरूरत है। जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है। विपक्ष को सदन नहीं बोलने देने के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है।
इस बीच खबर यह भी है कि राहुल गांधी के मामले में कांग्रेस पार्टी अगले हफ्ते सेशन कोर्ट जा सकती है। अभिषेक मनु सिंघवी की अगुवाई में जमानत और सजा पर रोक के लिए लीगल टीम पुख्ता तैयारी कर रही है। CRPC के कानून के मुताबिक, सजा पर रोक के लिए हाईकोर्ट में अपील करना होगा।
कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
- कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बताया कि यह सरकार अदाणी घोटाले पर कुछ भी सुनना नहीं चाहती है। आज भी हमने इस घोटाले की जेपीसी जांच की मांग की। अगर सरकार दोषी नहीं है, तो इस मुद्दे पर जेपीसी बनाने से क्यों भाग रही है?
- दिल्ली पुलिस ने मशाल मार्च निकाल रहे कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है। हमने मशालें जलाई, जिन्हें पुलिस ने बुझाने का काम किया। हम दिल की मशाल जलाएंगे, हर जुल्म से लड़ेंगे।
- इससे पहले कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी के सभी सांसद और नेता लाल किले से टाउन हॉल तक ‘लोकतंत्र बचाओ मशाल शांति मार्च’ में हिस्सा लेंगे। अगले 30 दिनों में देश भर में ब्लॉक, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भागीदारी से ‘जय भारत सत्याग्रह’ का आयोजन किया जाएगा।
इससे पहले राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर एक-समान विचारधारा वाले दलों के विपक्ष के नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में तृणमूल समेत बाकी दल तो शामिल हुए, लेकिन उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने इसका बहिष्कार किया था। बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे।
बैठक में विपक्षी दलों ने मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में विपक्ष की रणनीति पर चर्चा की और स्ट्रेटजी तैयार की और जेपीसी और राहुल के अयोग्यता मामले में केंद्र को घेरने का फैसला किया था। बैठक में राहुल गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के आदेश की बाबत मिली चिट्ठी पर भी चर्चा हुई थी। इस पर सभी सदस्यों का कहना था कि यह आदेश कोई मायने नहीं रखता है, क्योंकि अभी कांग्रेस को राहुल गांधी में कानूनी दरवाजा खटखटाना है।
शरद पवार ने की उद्धव-कांग्रेस की मध्यस्थता
शरद पवार की मध्यस्थता के बाद सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव) गुट में सहमति बन गई है। जानकारी के मुताबिक, पवार के कांग्रेस नेतृत्व से बात करने के बाद संजय राउत ने राहुल गांधी से मुलाकात की है। भविष्य में सार्वजनिक मंच से सावरकर की आलोचना से परहेज किया जाएगा।