अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के ओड़गी अंतर्गत कालामांजन के जंगल में सोमवार सुबह गए तीन ग्रामीणों पर हमला करने वाले बाघ को वनविभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर पकड़ लिया है। बाघ के हमले में दो ग्रामीणों की मौत हो गई थी एवं एक अन्य गंभीर रूप से घायल है। अपने बचाव में ग्रामीणों ने बाघ पर टांगियों से वार किया था, जिससे बाघ घायल हो गया था। घायल बाघ के रेस्क्यू के लिए सोमवार से ही अभियान चलाया गया था। मंगलवार सुबह बाघ झाड़ियों में छिपा मिला। जिसे वनविभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज कर लिया। बाघ को उपचार के बाद सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा।
सूरजपुर जिले के ओड़गी अंतर्गत कालामांजन गांव में सोमवार सुबह जंगल में लकड़ी लेने गए तीन ग्रामीणों समय लाल (33, कैलाश सिंह (35) एवं राय सिंह (27) वर्ष पर बाघ ने हमला कर दिया था। करीब 20 मिनट तक बाघ से तीनों ने संघर्ष किया। अपने बचाव में तीनों ने बाघ पर टांगी व फरसे से वार किया, जिससे बाघ घायल होकर ज्यादा आक्रामक हो गया। गांव के पास ही हमला होने के कारण शोर सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए तो बाघ जंगल में वापस चला गया। बाघ के हमले में गंभीर रूप से घायल समयलाल की ओड़गी में एवं कैलाश सिंह की मेडिकल कालेज अंबिकापुर लाते समय रास्ते में मौत हो गई थी। घटना के बाद ओड़गी के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई थी एवं मां कुदरगढ़ी धाम में आयोजित सांस्कृतिक संध्या के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया था। वहीं, सूरजपुर कलेक्टर इफ्त आरा, सूरजपुर डीएफओ संजय यादव मौके पर पहुंचे। ऐहतियातन पुलिस एवं वनविभाग के अमले को बड़ी संख्या में तैनात कर बाघ पर निगरानी की जा रही थी एवं बाघ के रेस्क्यू के लिए बिलासपुर एवं अंबिकापुर से टीम मौके पर बुलाई गई थी।
सोमवार को मिला लोकेशन, मंगलवार को रेस्क्यू
घायल बाघ के जंगल में घनी झाड़ियों में चले जाने के कारण उसकी निगरानी के लिए वनअमले के साथ पुलिस टीम सर्चिंग कर रही थी। बाघ की तलाश के लिए ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही थी। सोमवार देर शाम झाड़ियों में छिपे बाघ का लोकेशन मिल गया था, लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण बाघ का रेस्क्यू नहीं किया जा सका। बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए कुमकी हाथी को भी मौके पर बुलाया गया था। मंगलवार सुबह से ही बाघ को रेस्क्यू करने अभियान चलाया गया। बाघ के झाड़ियों में नजर आने पर कुमकी हाथी में सवार वन विभाग की ट्रेंकुलाइज टीम ने डाट मारकर बाघ को बेहोश कर दिया। बाघ के बेहोश होने के बाद वन अमले ने उसे झाड़ियों से निकालकर रेस्क्यू कर लिया और पिंजरे में बंद कर दिया गया।
उपचार के बाद छोड़ा जाएगा सुरक्षित स्थान पर
डीएफओ संजय यादव ने बताया कि बाघ फिलहाल घायल स्थिति में है। चिकित्सकों की टीम द्वारा उसका उपचार किया जाएगा। बाघ के पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की योजना है। इसके लिए पीसीएफ वाइल्ड लाइफ एवं सीसीएफ वाल्ड लाइफ से चर्चा कर निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल बाघ को रेस्क्यू कर लिए जाने से बाघ एवं ग्रामीण दोनों सुरक्षित हो गए हैं।