जयपुर। सीएम अशोक गहलोत को समन जारी करने और मानहानि याचिका पर दिल्ली की राउस एवेन्यू कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीएम गहलोत को समन जारी करने के आदेश पर आज फैसला आ सकता है। मानहानि केस की सुनवाई के बाद अब समन जारी होने हैं। केस में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है। कोर्ट से समन जारी होता है, तो गहलोत को केस लड़ना पड़ेगा और कोर्ट के साथ सियासी मामला भी तूल पकड़ेगा। कोर्ट केस खारिज करता है, तो गहलोत फिर से केन्द्रीय मंत्री शेखवात के खिलाफ आक्रामक हो सकते हैं और इसे चुनावी मुद्दा भी बना सकते हैं।
सीएम को समन जारी करने को लेकर आ सकता है फैसला
मामले की सुनवाई के दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा दिल्ली की कोर्ट में पेश हुए। पाहवा ने तर्क दिया कि 2019 में दर्ज हुई FIR के मामले में सीएम गहलोत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और उनके परिवार पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं। पूरे परिवार को ही अभियुक्त बता दिया। इस वजह से उनकी मानहानि हुई है और प्रतिष्ठा को भारी नुकसान पहुंचा है। इसलिए सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मानहानि का मुकदमा चलना चाहिए। दिल्ली के एडीशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट हरप्रीत सिंह ने मामले में प्री- समन जमा करने और सबूतों को रिकॉर्ड पर लेकर 24 मार्च को समन जारी के मामले पर आदेश देने के लिए केस को लिस्टेड किया है। इसलिए आज समन को लेकर आदेश आ सकता है।
सजा भुगतने से लाखों लोगों का भला होता है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता- गहलोत
सीएम गहलोत ने हाल ही में जोधपुर दौरे के वक्त भी संजीवनी क्रेडिट सोसाइटी घोटाले के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह पर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि इस सोसाइटी में गजेंद्र सिंह शेखावत की ही सब चलती है, वहीं सोसायटी में सब कुछ हैं। संजीवनी सोसाइटी में उनके और उनके परिवार के लेनदेन हुए हैं। गहलोत ने कहा था कि- ‘मेरे खिलाफ उन्होंने मानहानि का केस कर दिया। मैं तो तैयार हूं भुगतने के लिए। क्योंकि लाखों लोगों को अगर पैसा वापस मिलता है, तो मुझे क्या फर्क पड़ेगा। सजा भुगतने से लाखों लोगों का भला होता है, तो कोई फर्क नहीं पड़ता।’