कोरबा। कोरबा में किसान सभा की अगुआई में गुरुवार को ग्रामीणों ने ढेलवाडीह कोयला खदान में काम ठप करा दिया। करीब तीन घंटे तक हंगामा चलता रहा। इस दौरान किसी भी मजदूर को अंदर या बाहर नहीं जाने दिया गया। सूचना मिलने पर अफसरों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण वहां से हटें। वहीं एक सप्ताह में मांग पूरी नहीं होने पर फिर खदान बंद करने की चेतावनी दी है। यह ग्रामीण खदान के प्रभावित गांवों से हैं। इसके चलते गांव में पेयजल संकट शुरू हो गया है।
दरअसल, ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित गांव ढपढप कसरेंगा में पेयजल संकट बन गया है। साथ ही गांव के कुंओं, बोरहोल और घरों को भी नुकसान हुआ है। इसके चलते क्षतिपूर्ति की मांग को लेकर गुरुवार सुबह करीब 6 बजे ग्रामीण खदान के मुहाने पर बैठ गए। उन्होंने खदान के अंदर-बाहर किसी के भी जाने पर रोक लगा दी। इससे खदान में पानी निकासी की समस्या बढ़ने लगी। जानकारी अफसरों को लगी तो वह भी मौके पर पहुंच गए। प्रबंधन के समझाने पर चार कर्मचारियों को अंदर जाने दिया।
प्रबंधन ने तत्काल टैंकर के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराने के साथ अन्य समस्याओं के संबंध में ग्रामीणों से वार्ता की। प्रबंधन ने पेयजल समस्या का एक सप्ताह में निराकरण करने का आश्वासन दिया है। साथ ही ग्रामीणों के घर, कुंआ, बोर को हुए नुकसान के संबंध मे 29 मार्च को ढेलवाडीह में बैठक कर आगे कार्यवाही का लिखित आश्वाशन भी दिया है। इसके बाद ग्रामीणों ने आंदोलन स्थगित किया और वहां से लौट गए। साथ ही ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में मांग पूरी नहीं हुई तो एक अप्रैल से फिर आंदोलन करेंगे।