भारती सिंह : टॉयलेट साफ करती थीं मां, जूठन खाकर मिटाई भूख, कॉमेडियन भारती ने सुनाई अपनी दास्तां

नईदिल्ली : लाफ्टर क्वीन के नाम से मशहूर कॉमेडियन भारती सिंह आज भले ही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का एक पॉपुलर नाम हैं, लेकिन एक वक्त था, जब वह बहुत गरीब हुआ करती थीं। वह आज एक शानदार जिंदगी जी रही हैं और खूब मोटी कमाई भी कर रही हैं। लेकिन कभी भारती सिंह और उनके परिवार ने बहुत ही गरीबी झेली। ऐसे दिन देखे जब मां गुजारे के लिए टॉयलेट साफ करतीं और परिवार लोगों की जूठन से पेट भरता था। भारती सिंह ने पहले भी एक बार बताया था कि उनका बचपन किस कदर गरीबी में गुजरा। इसी क्रम में अभिनेत्री नीना गुप्ता के डिजिटल पॉडकास्ट शो में भारती एक बार फिर अपनी गरीबी का दर्द बयां कर भावुक हो गईं।

भारती अपने बचपन के दिन याद करते हुए बताती है, कि वह महज 2 साल की थी, जब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। भाई-बहन भी एक कंबल की फैक्ट्री में कंबल सिलने का काम करते थे। मां घर-घर में जाकर काम करती थीं। उस वक्त इतनी गरीबी थी कि जब उनकी मां घर-घर में काम करके बचा हुआ खाना लाती थीं तो वह उनके लिए फ्रेश खाना होता था।

भारती सिंह आगे कहती है, ‘आप सोच भी नहीं सकते कि मैंने किस हद तक की गरीबी देखी है। अगर मैं किसी को आधा सेब खाकर फेंकते हुए देखती थी तो सोचती थी कि उसे श्राप लगेगा क्योंकि उसने खाना बर्बाद किया है। मैं कभी-कभी उस फेंके गए आधे सेब को उठाकर खाने के बारे में भी सोचती थी। जब मेरी मम्मी लोगों के घरों में काम करती थीं तो मैं दरवाजे के पास बैठ जाती थी। वह टॉयलेट साफ किया करतीं। जब हम वहां से जाते तो लोग हमें बचा हुआ खाना दे देते। आज मैं मम्मी से कहती हूं कि मैंने जो कुछ भी किया है और जो कुछ भी कमाया है वो सब आपकी वजह से है’। 

लेकिन भारती सिंह की किस्मत ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज’ से बदल गई। लेकिन इसमें आने से पहले उन्हें पहला मौका कपिल शर्मा और सुदेश लहरी ने दिया। भारती सिंह ने बताया कि कॉलेज में जब एक बार वह गार्डन एरिया में लोगों को हंसा रही थीं तो सुदेश लहरी ने उन्हें देख लिया। फिर उन्होंने टीचर से कहा कि एक मोटी सी लड़की जो स्टूडेंट्स को हंसा रही है, उसे बुलाओ। बस वहीं से भारती सिंह को मौका मिला। भारती ने पहले नैशनल यूथ फेस्टिवल में परफॉर्म किया, जिसके लिए वह टीम के साथ आंध्र प्रदेश गईं। आज भारती सिंह सिर्फ कॉमेडियन नहीं, बल्कि होस्ट और प्रोड्यूसर भी हैं।