छत्तीसगढ़ः मंत्री कवासी लखमा के बयान पर स्वामी निश्चलानंद ने पूछा- ‘आदिवासी हिंदू नहीं तो फिर कौन हैं?’

जगदलपुर। ‘आदिवासी हिंदू नहीं हैं’, आबकारी मंत्री कवासी लखमा के इस बयान पर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने जवाब दिया है। उहोंने कहा कि, हर वर्ग के पूर्वज सनातनी हैं, हिंदू हैं। हिंदुओं की संख्या देश से घटाकर क्या देश को नया पाकिस्तान बनाना चाह रहे हैं? आदिवासी हिंदू नहीं तो फिर कौन हैं? आदिवासियों ने कहा है हम हिंदू हैं। उनके यहां भी दाह संस्कार होता है। दरअसल, शंकराचार्य ने जगदलपुर में धर्मसभा को संबोधित करने के बाद मीडिया से यह बात कही है।

शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने धर्मांतरण को लेकर भी अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि, मैं ईसाइयों से कहता हूं आप ईसा मसीह को मानते हैं तो उनके बारे में कितना जानते हैं? उन्होंने कहा कि, रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा वैष्णव तिलक में है। वह वैष्णव हो गए। जो लोग ईसा मसीह के नाम पर ईसाई बन रहे हैं उन्हें उनका इतिहास नहीं मालूम। ईसा मसीह कई सालों तक कहां रहे यह किसी को नहीं पता। भारत में ईसा मसीह 3 साल तक थे। रोम में ईसा मसीह की प्रतिमा को ढक दिया गया है। जिसे अब तक खोला नहीं गया है।

उन्होंने कहा कि, RSS के संचालक रहे सुदर्शन मेरे पास आते थे। उन्होंने ईसा मसीह को लेकर मुझे एक इतिहास बताया था। ईसा मसीह को जब सूली पर चढ़ा दिया गया था और उन्होंने समझा अब ईसा मसीह मर जाएंगे। लेकिन ईसा मसीह जीवित निकले और पैदल घूमते-घूमते भारत के जम्मू कश्मीर में आ गए थे। आज भी जम्मू-कश्मीर में ईसा मसीह की समाधि है। इस इतिहास का क्या करेंगे?