बिलासपुर। हिस्ट्रीशीटर कांग्रेस नेता संजू त्रिपाठी की हत्या करने वाले शूटर्स की पुलिस ने पहचान कर ली है और उनके ग्रुप के एक आरोपी युवक को गिरफ्तार किया है, जो हत्या की वारदात के समय उनके साथ संजू की रेकी कर रहा था और लोकेशन बता रहा था।
गिरफ्तार आरोपी ने ही संजू की गाड़ी के सामने अपनी कार अड़ाकर रोका था। पुलिस ने उसे उत्तरप्रदेश से गिरफ्तार कर पूछताछ की, तब उसने इस हत्याकांड का पूरा राज खोल दिया। हालांकि, अभी तक एक भी शूटर्स पुलिस के हाथ नहीं लगा है और न ही पिस्टल और कार का पता चल सका है। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।
शूटर्स ग्रुप के एक सदस्य को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
SSP पारुल माथुर ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि संजू त्रिपाठी की हत्या की साजिश उसके भाई कपिल त्रिपाठी ने रची थी। उसने उत्तरप्रदेश के शूटर्स को हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस की जांच में शूटर्स की पहचान हो गई है। इसी कड़ी में शूटर्स ग्रुप के सदस्य उत्तरप्रदेश के चंदौली जिले के मुगलसराय में रहने वाले प्रसीन गुप्ता पिता प्रमोद गुप्ता (27) को उत्तरप्रदेश के लखनऊ एटीएस के माध्यम से पुलिस ने पकड़ा है। उसने पूछताछ में बताया कि पांच-छह महीने पहले बनारस निवासी विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी उर्फ वासू से मुलाकात हुई थी। तब विनय द्विवेदी ने बोला था कि बिलासपुर जाकर एक काम करना है, जिसके एवज में एक लाख रुपए मिलेगा। वह पैसों की लालच में आकर 9 दिसंबर को विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी के साथ बनारस से बस में बैठकर बिलासपुर आ गया।
कपिल के घर में बनी हत्या की प्लानिंग
प्रसीन ने पुलिस को बताया कि बिलासपुर में प्रेम श्रीवास उन्हें लेने के लिए बस स्टैंड आया, जहां से उन्हें कपिल त्रिपाठी के घर ले गया। वहां दानिश अंसारी और बनारस निवासी एजाज अंसारी उर्फ सोनू पहले से ही थे। 11 दिसंबर को बनारस निवासी पप्पू उर्फ दादी नाम का व्यक्ति भी कपिल त्रिपाठी के घर पहुंचा। फिर रात करीब आठ बजे कपिल त्रिपाठी के साथ उनकी मीटिंग हुई। इस दौरान उसने अपने भाई कपिल त्रिपाठी की हत्या करने की जानकारी दी।
कपिल त्रिपाठी अपने पास तीन पिस्टल और करीब 20 कारतूस रखा था। इसी दौरान तय किया गया कि 14 दिसंबर को संजू को मारना है। सभी 14 दिसंबर को कपिल के फार्म हाउस में बैठे थे। तभी दोपहर तीन बजे कपिल त्रिपाठी के पास फोन आया। फोन करने वाले ने उसे बताया कि संजू अपने फार्म हाउस से 3.30 बजे निकलेगा। इसके बाद सभी लोग अलग-अलग चार गाड़ी में सवार होकर कपिल त्रिपाठी के फार्म हाउस से सकरी बाईपास के लिए निकल गए। प्रसीन गुप्ता सफेद रंग की कार में सवार था, जिसमें भरत तिवारी, आशीष तिवारी, राजेन्द्र ठाकुर बैठे थे। नीले रंग की पुरानी बेलेनो कार को विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी चला रहा था, जिसमें शूटर्स दानिश, पप्पू दाढ़ी एजाज उर्फ सोनू कट्टा कारतूस से लैस होकर लेकर बैठे थे।
कपिल त्रिपाठी ने रची थी हत्या की साजिश।
प्रसीन ने कार अड़ाकर रोकी संजू की गाड़ी, दानिश ने की फायरिंग
सभी लोग सकरी बाईपास में जाकर संजू त्रिपाठी की हत्या करने के इंतजार में थे। तभी दानिश के पास फोन आया कि संजू त्रिपाठी की गाड़ी एमजी हैक्टर सफेद रंग की है, जिसमें लाल रंग का बोर्ड लगा है। करीब 04.10 बजे लाल रंग का बोर्ड लगा सफेद रंग की एमजी हेक्टर गाडी आई तो योजना के मुताबिक प्रसीन ने अपनी कार को स्पीड ब्रेकर के आगे एमजी हेक्टर से टिकाकर अड़ा दिया। इतने में बलेनो कार में सवार पप्पू दाढ़ी, दानिश, एजाज उर्फ सोनू और विनय द्विवेदी उर्फ गुरूजी उतर कर आए और संजू की गाड़ी को घेर लिए। गाड़ी के दाहिने की ओर से ड्राइवर सीट पर बैठे संजू पर दानिश अंसारी ने पहली गोली चलाई। इसके बाद एजाज उर्फ सोनू और बाईं तरफ से पप्पू दादी और विनय द्विवेदी ने संजू त्रिपाठी पर फायरिंग करने लगे। फायरिंग करने के बाद दानिश अंसारी ने बताया कि संजू त्रिपाठी मर गया है। फिर सभी अलग-अलग गाड़ी में बैठकर उत्तर प्रदेश की ओर भाग गए।
शूटर्स फरार, कार और पिस्टल भी नहीं हुआ है बरामद
पुलिस ने हत्या के इस केस में 19 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। लेकिन, अब तक शूटर्स पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं। पुलिस का दावा है कि फरार शूटर्स की तलाश की जा रही है। वहीं, पुलिस को अब तक शूटर्स की कार और पिस्टल भी बरामद नहीं हुआ है। पुलिस का यह भी दावा है कि शूटर्स के पकड़े जाने पर कार और पिस्टल बरामद हो सकेगा।