छत्‍तीसगढ़ः प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में लटकेंगे ताले, छह सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता आज से करेंगी हल्‍लाबोल

रायपुर। 23 जनवरी से प्रदेश भर के आंगनबाड़ी और मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटकेंगे। एक लाख आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहायिकाओं ने राजधानी में उग्र प्रदर्शन करने की तैयारी की है। प्रदेश भर के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता लंबे समय से चुनावी घोषणा पत्र के अनुरुप मानदेय या फिर कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मांग कर रही हैं।

आंगनबाड़ी संघ का कहना है कि राज्य सरकार द्वारा अपने चुनावी वायदे में सरकार आने पर नर्सरी शिक्षक पर उन्नयन और कलेक्टर दर पर मानदेय की घोषणा की गई थी।

23 को होने वाले आंदोलन में शामिल होंगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

घोषणा को याद दिलाते हुए चार वर्ष बीत गए। आज तक सरकार द्वारा ध्यान नहीं दिया गया। जिससे आंगनबाड़ी कार्रकर्त्ताओं में निराशा और आक्रोश व्याप्त है। मजबूर होकर आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं व सहायिकाओं के संगठनों द्वारा एक संयुक्त मंच बनाकर एक बार फिर से सरकार का ध्यानाकर्षण के लिए 23 से 27 जनवरी तक रायपुर राजधानी मुख्यालय में पांच दिन का महापड़ाव करने का निर्णय लिया गया है। 

संयुक्त मंच के प्रांतीय पदाधिकारियों के अनुसार इसकी सूचना 30 दिसंबर को सरकार को दे चुके हैं। उसके बाद भी सरकार हमारे अधिकारों के लिए की जाने वाली इस हड़ताल को दबाना चाहती है और हड़ताल को रोकना चाहती है। बूढ़ा तालाब में हम महिलाओं को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने और बैठने के लिए स्वीकृति देने में भी आना कानी कर रही है। उक्त जानकारी संयुक्त मंच के संयोजक मंडल की सदस्य पद्मावती साहू, सरिता पाठक, रुक्मणी गुप्ता, हेमा भारती, गजेन्द्र झा के द्वारा दी गई।