नईदिल्ली I राजस्थान में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा खत्म होने को आई है. इस यात्रा के राजस्थान में पहुंचने से पहले पार्टी के दो नेताओं सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी की खबरें थी. इस बीच एक इंटरव्यू में कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अपने और गहलोत के बीच रिश्तों में जमा धूल साफ करने की कोशिश की.
सचिन पायलट ने अपने इंटरव्यू में कहा कि राजनीति में दुश्मनी की कोई जगह नहीं है. उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा में उनके कंधे पर राहुल गांधी के हाथ के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि उनका (राहुल गांधी) हाथ पार्टी के हर कार्यकर्ता के कंधे पर है. वह अपने सभी कार्यकर्ताओं से बहुत प्रेम करते हैं और वह बहुत लंबे समय से एक साथ काम कर रहे हैं.
क्या है बड़ा मुद्दा?
इंटरव्यू में उन्होंने पार्टी नेताओं से बात करते हुए कहा कि इस समय हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को दुबारा से सत्ता में लेकर आना है. जिससे कि हर चुनाव में राज बदलने के रिवाज को तोड़ा जा सके.
अशोक गहलोत से कंपटीशन को लेकर क्या बोले पायलट?
अशोक गहलोत के साथ कंपटीशन के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि उनसे कंपटीशन का कोई सवाल ही नहीं है. कंपटीशन समान उम्र के लोगों के साथ होता है. वह बहुत ही वरिष्ठ नेता है और काफी लंबे समय से राजनीति में हैं.
‘अवसर देने के लिए जानी जाती है कांग्रेस’
सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने उनको कई मौके दिये हैं. उन्होंने कहा कि जब वह 26 साल के थे तब वह सांसद बन गये थे और 33 साल की उम्र में उनको राजस्थान प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया था. उन्होंने कहा कि गहलोत जी को भी 35 साल की उम्र में राज्य का अध्यक्ष बनाया गया था और 47 साल की उम्र में वह राज्य के सीएम बन गये थे. अवसर देना कांग्रेस की परंपरा है.
गहलोत और सचिन के बीच का क्या है विवाद?
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच हालिया संघर्ष तब शुरू हुआ था जब गहलोत ने एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्यू में पायलट को पार्टी का गद्दार बुलाया था. हालांकि बाद में पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भारत जोड़ो यात्रा के राज्य में प्रवेश से ठीक पहले दोनों नेताओं के बीच सुलह कराई थी.