छत्तीसगढ़ः भगवा विवाद में सीएम भूपेश की एंट्री, कहा- यह त्याग और बलिदान का रंग है, विहिप और बजरंग दल वाले क्यों पहनकर घूम रहे?

कहा- यह त्याग और बलिदान का रंग है, विहिप और बजरंग दल वाले क्यों पहनकर घूम रहे हैं|रायपुर,Raipur - Dainik Bhaskar

रायपुर। फिल्म पठान के बहाने भगवा रंग पर छिड़े विवाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी एंट्री मारी है। मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा, भगवा रंग तो त्याग और बलिदान का रंग है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल वाले जो भगवा पहनकर घूम रहे हैं, उन्होंने कौन सा त्याग किया है?

भगवा विवाद पर पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, “भगवा रंग जो है वह यज्ञ की अग्नि की ज्वाला का रंग है। वह पवित्र है। वह त्याग और बलिदान का रंग है। विश्व हिंदू परिषद-विहिप और बजरंग दल वाले जो भगवा पहनकर घूम रहे हैं उन्होंने कौन सा त्याग किया है? रंग किसी का होता है क्या? ये लोग केवल इसके नाम पर समाज में घृणा फैला रहे हैं।’ शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और जॉन अब्राहम स्टारर फिल्म पठान 25 जनवरी को रिलीज होने जा रही है। इससे पहले फिल्म का एक गाना रिलीज हुआ है, जिस गीत के एक हिस्से में दीपिका पादुकोण ने भगवा रंग का स्वीमसूट भी पहना है। इस ड्रेस को लेकर पूरी फिल्म और अभिनेता-अभिनेत्रियां दक्षिणपंथी राजनीतिक-सामाजिक संगठनों के निशाने पर हैं। छत्तीसगढ़ में भी शिव सेना ने सिनेमा हाल संचालकों को धमकी दी है।

पेंशन विवाद पर क्लियर स्टैंड-पैसा तो देना होगा

पुरानी पेंशन स्कीम में केंद्र सरकार के अड़ंगे को लेकर भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार का स्टैंड क्लियर किया है। उन्होंने कहा, “पेंशन मामले में केंद्र के पास पड़ा पैसा राज्य सरकार और कर्मचारियों के अंशदान का है। केंद्र सरकार को वह पैसा वापस तो करना पड़ेगा। अब वह कैसे होगा हम इसी का रास्ता निकाल रहे हैं।’ राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू की है। लेकिन 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों के अंशदान का 17 हजार 240 करोड़ रुपया केंद्र सरकार के पास पड़ा है। जिसको वापस लाने की कवायद हो रही है।

आरक्षण विधेयकों पर राज्यपाल की अनुमति मिलने की उम्मीद कायम

प्रदेश में आरक्षण विवाद के बीच मुख्यमंत्री को उम्मीद है कि राज्यपाल इन विधेयकों पर जल्दी ही हस्ताक्षर कर देंगी। कांग्रेस की सरकार के चार साल पूरे होने पर प्रदेश की जनता के नाम संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा, “विधानसभा में सभी साथियों ने सर्वसम्मति से आरक्षण संबंधी विधेयक पारित किया है। इसमें जनसंख्या के आधार पर अनुसूचित जनजाति को 32% आरक्षण, अनुसूचित जाति को 13% और मंडल आयोग की अनुशंसा के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% आरक्षण का प्रावधान किया गया है। EWS को भी चार प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। उम्मीद कर रहा हूं कि जल्दी ही राज्यपाल के हस्ताक्षर ये यह आरक्षण नियम भी लागू होगा।’