नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो द्वारा न्यू यॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर पर की गई विवादित टिप्पणी पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक बयान जारी करते हुए कहा कि पाक विदेश मंत्री का बयान ‘असभ्यता’ से पूर्ण है। पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि बिलावल भुट्टो की ये टिप्पणियां पाकिस्तान के लिए भी एक नया निचला स्तर हैं। पाक के विदेश मंत्री स्पष्ट रूप से 1971 के आज के दिन को भूल गए हैं, जो जातीय बंगालियों और हिंदुओं के खिलाफ पाकिस्तानी शासकों द्वारा किए गए नरसंहार का प्रत्यक्ष परिणाम था। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान पर हमला करते हुए अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो ओसामा बिन लादेन को एक शहीद के रूप में महिमामंडित करता है। इतना ही नहीं, लखवी, हाफिज सईद, मसूद अजहर, साजिद मीर और दाऊद इब्राहिम जैसे आतंकवादियों की पनाहगाह भी है। कोई अन्य देश 126 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी और 27 संयुक्त राष्ट्र नामित आतंकवादी संस्थाओं का संचालन हो रहा हो।
विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री को यूएनएससी में मुंबई की एक नर्स अंजलि कुलथे द्वारा दी गई गवाही को और अधिक गंभीरता से सुनना चाहिए था, जिसने पाकिस्तान के आतंकवादी अजमल कसाब की गोलियों से 20 गर्भवती महिलाओं की जान बचाई थी। यूएनएससी में दिए गए उनके बयान से यह साफ होता है कि वे उस आतंकवादी घटना में पाकिस्तान की भूमिका को साफ करने में अधिक रुचि रखते हैं।
विदेश मंत्रालय ने खरीखोटी सुनाते हुए कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री भुट्टो की हताशा उनके अपने देश में चल रही आतंक की फैक्ट्रियों के मास्टरमाइंड्स की ओर से निर्देशित होगी। जिन्होंने आतंकवाद को अपनी देश की नीति में शामिल कर लिया है। पाकिस्तान को अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।
यूएनएससी में बोले थे बिलावल भुट्टो
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में पाकिस्तान के विदेश मंत्री भारत पर सियासी हमले करने में जुटे हैं। गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है। सुरक्षा परिषद की छत्रछाया में बहुपक्षीय समाधान शांति को बढ़ावा देने और संघर्षों को हल करने के लिए सबसे प्रभावी दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। भुट्टो ने बिना नाम लिए जम्मू और कश्मीर के संदर्भ में कहा कि विवाद के पक्ष एक दिन बहुपक्षीय प्रक्रिया, एक दिन बहुपक्षीय सुधारों की वकालत नहीं कर सकते हैं और अगले दिन वह द्विपक्षीय रास्ते पर जोर देते हैं और अंततः एकतरफा कार्रवाई करते हैं।
भुट्टो ने पीएम मोदी पर बोला था निजी हमला
इतना ही नहीं, बिलावल भुट्टो ने न्यू यॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सारी हदे पार करते हुए पीएम मोदी पर निजी हमला बोला। उन्होंने भारतीय विदेश मंत्री की ओर से 9/11 के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान द्वारा पनाह देने वाली टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी के खिलाफ विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि पीएम बनने से पहले अमेरिका ने उनकी एंट्री पर बैन लगा दिया था। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर को आरएसएस का प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री करार दिया था। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत सरकार हिटलर की विचारधारा में विश्वास करती है।