बात 27 नवंबर 2022 की है। अरविंद केजरीवाल ने भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक कागज पर लिखकर दिया- गुजरात में आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी। ठीक 12 दिन बाद गुरुवार को जब EVM में जमा वोटों का हिसाब हुआ तो उनकी पार्टी 5 सीटों पर सिमट गई। इसके बावजूद अब AAP नेशनल पार्टी बन गई है।
पहली नजर में लगता है कि अरविंद केजरीवाल की बात गलत साबित हुई, लेकिन ये गणित इतना सपाट भी नहीं है। झाड़ू को वोट देने वाले गुजराती 0.62% से बढ़कर 12.9% हो गए। गुजरात की कुल 182 सीटों में से 35 सीटों पर आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर रही। जीती और दूसरे नंबर की सीट को मिला लें तो यह संख्या 40 हो जाती है। यानी गुजरात की 22% विधानसभा सीटों पर AAP ने अपनी छाप छोड़ी है।
2022 की जबरदस्त जीत से पहले पंजाब में भी आम आदमी पार्टी ने 2017 में करीब-करीब इसी तरह घुसपैठ की थी। 2017 के पंजाब चुनाव में आम आदमी पार्टी 20 सीटों पर नंबर एक पर, 27 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। ठीक अगले चुनाव में कुल 117 सीटों में से रिकॉर्ड 92 सीटें जीतकर AAP ने सरकार बना ली।
कांग्रेस का 12% वोट AAP को ट्रांसफर
गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मैदान छोड़ने से AAP को सीधा फायदा मिला। 2017 के चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 42.97% था, जबकि 2022 के चुनाव कांग्रेस को वोट शेयर घटकर 27% हो गया है। वहीं 2017 में AAP का वोट शेयर 0.62% था, जो इस चुनाव में बढ़कर 12.9% हो गया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस का वोट शेयर जो घटा है, वो AAP को ट्रांसफर हो गया है। इसी के चलते AAP भले ही 5 सीटें जीती हों, लेकिन 36 सीटों पर वह दूसरे नंबर पर रही है। यानी गुजरात में AAP अब विपक्ष का दर्जा हासिल करने की ओर बढ़ रही है।
2017 में 29 हजार वोट मिले थे, इस बार 40 लाख से ज्यादा मिले
आम आदमी पार्टी की गुजरात में बढ़ती पैठ को आप पार्टी को मिले वोट से भी समझ सकते हैं। 2017 में AAP को गुजरात में कुल 29,509 वोट मिले थे, जो इस बार बढ़कर 40 लाख से ज्यादा हो गया है।
2017 में आप को छोटा उदयपुर में सबसे ज्यादा 4500 वोट मिले थे
आम आदमी पार्टी ने 2017 में 29 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा था। सिर्फ 3 सीटों पर आप ने थोड़ी पैठ बनाई थी। लेकिन इन 2 सीटों के साथ सभी 29 सीटों पर आप की जमानत जब्त हो गई थी।आम आदमी ने जिन 3 सीटों पर अपनी पैठ बनाई, वे हैं छोटा उदयपुर, वांकानेर और बापूनगर। छोटा उदयपुर में आप कैंडिडेट अर्जुनभाई वर्सिंगभाई राठवा को 4500 वोट मिले, जो गुजरात में किसी भी आप नेता का सबसे अच्छा प्रदर्शन था।
वहीं वांकानेर में आप के शेरसिया उस्मांगनी हुशेन को करीब 3000 वोट मिले। पाटीदारों का वर्चस्व वाली हाई-प्रोफाइल उंझा विधानसभा सीट पर आप के रमेश पटेल 8वें नंबर पर रहे और 400 से कम वोट हासिल कर सके।
AAP नेशनल पार्टी बनी
AAP ने नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल कर लिया है। नेशनल पार्टी के लिए AAP को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी। गुजरात में AAP को करीब 13% वोट शेयर मिला है। ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है। किसी क्षेत्रीय पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है। AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है।