अहमदाबाद I गुजरात में दूसरे फेज की वोटिंग खत्म हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह करीब नौ बजे अहमदाबाद के रानिप में निशान पब्लिक स्कूल में मतदान किया। मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए पीएम मोदी करीब 200 मीटर तक पैदल चले। अब इसी को लेकर बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने इसे रोड शो करार दिया। कहा कि प्रधानमंत्री ने रोड शो करके आचार संहिता का उल्लंघन किया है। चुनाव आयोग से इस मामले में पीएम मोदी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या वाकई पीएम मोदी ने पैदल चलकर कोई बड़ी गलती कर दी? चुनाव आयोग का नियम क्या कहता है? क्या इसपर आयोग कोई कार्रवाई करेगा? कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने क्या-क्या आरोप लगाए हैं? आइए समझते हैं…
पहले जानिए आज हुआ क्या?
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर साल अहमदाबाद के रानिप बूथ केंद्र पर वोट डालते हैं। इस बार भी वह मतदान करने के लिए रानिप स्थित निशान पब्लिक स्कूल पहुंचे। प्रधानमंत्री मोदी के प्रोटोकॉल को देखते हुए चारों तरफ काफी सख्त सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। सड़क के दोनों तरफ बैरिकेडिंग के पीछे लोग भारी संख्या में जुटे थे और मोदी-मोदी का नारा लगा रहे थे। पीएम मोदी ये देखकर मतदान केंद्र से करीब 200 मीटर पहले ही गाड़ी से उतर गए और पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी ने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। वोट देने के बाद भी गाड़ी तक मोदी पैदल ही चले। इसी को लेकर विपक्षी दलों ने पीएम मोदी पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है।
वोट देने के बाद क्या बोले पीएम मोदी?
वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि लोकतंत्र के इस उत्सव को मतदाताओं ने उमंग के साथ मनाया है। मैं इसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं। मैं चुनाव आयोग को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने बहुत ही शानदार तरीके से पूरे विश्व में भारत की लोकंतत्र की प्रतिष्ठा बढ़े इस प्रकार से चुनाव का संचालन करने की महान परंपरा विकसित की है।
कांग्रेस व विपक्षी दलों ने क्या आरोप लगाया?
मतदान केंद्र तक पैदल चलकर जाने पर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा आरोप लगा दिया। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, ‘मतदान के दिन पीएम मोदी ने वोट डालने के लिए जाते समय ढाई घंटे का रोड शो किया। इसके खिलाफ चुनाव आयोग से अपील करेंगे, ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग स्वेच्छा से दबाव में है।’
कांग्रेस के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पीएम मोदी को आड़े हाथों लिया। उन्होंने भी इसे रोड शो करार देते हुए कहा, ‘मतदान के दिन रोड शो की अनुमति नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और उनकी पार्टी वीवीआईपी हैं। वे कुछ भी कर सकते हैं और उन्हें कोई कुछ नहीं करेगा।’
तो क्या वाकई पीएम मोदी ने पैदल चलकर बड़ी गलती कर दी?
इसे समझने के लिए हमने रिटायर्ड आईएएस जेएन चतुर्वेदी से बात की। निर्वाचन अधिकारी के तौर पर कई चुनाव संपन्न करा चुके जेएन चतुर्वेदी ने कहा, ‘चुनाव के लिए प्रचार-प्रसार की सीमा निर्धारित होती है। वोटिंग से दो दिन पहले प्रचार का सिलसिला थम जाता है। इसके बाद अगर कोई प्रत्याशी या पार्टी प्रचार करता है तो यह चुनाव अचार संहिता का उल्लंघन है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री भी एक सामान्य वोटर हैं। ऐसे में उनपर भी वही नियम लागू होते हैं, जो हमारे और आपके ऊपर होते हैं। मतदान केंद्र तक पैदल जाना कोई जुर्म नहीं है। हां, अगर इस दौरान वह पार्टी का चुनाव चिन्ह या कोई भी ऐसा चिन्ह मतदाताओं को दिखाते या भाषण देते जिससे उनकी पार्टी का प्रचार होता तो जरूर ये अचार संहिता का उल्लंघन होता। लेकिन अभी पीएम मोदी एक सामान्य मतदाता के तौर पर अपने मतदान केंद्र तक पहुंचे। पैदल चलकर जाना किसी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं होता है।’
वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार सिंह भी यही कहते हैं। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सामान्य मतदाता की तरह वोट देने पहुंचे। लाइन में लगकर उन्होंने अपनी बारी का इंतजार किया। जब उनका नंबर आया तब उन्होने वोट किया। पैदल चलकर मतदान केंद्र तक पहुंचना किसी तरह के नियम का उल्लंघन नहीं होता है।’