नई दिल्ली I बांग्लादेश दौरे पर सीनियर खिलाड़ियों की वापसी से टीम की बल्लेबाजी ऑनपेपर तो स्ट्रोंग नजर आ रही थी, लेकिन जब बांग्लादेश के गेंदबाजों ने गेंदबाजी शुरू की तो केएल राहुल को छोड़कर पूरी टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई।
नतीजा बांग्लादेश के सामने केवल 187 रन का लक्ष्य, जिसे टीम आसानी से हासिल कर सकती थी, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का काम किया और एक वक्त 136 रन के स्कोर पर 9 विकेट हासिल कर लिए थे। लेकिन मेहदी हसन मिराज ने मुस्तफिजुर के साथ आखिरी विकेट के लिए 51 रन जोड़कर टीम इंडिया की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
मिराज ने खोला जीत का राज
मैच के बाद मिराज ने बल्लेबाजी के दौरान अपनी योजना के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हो सकता है लोग मुझे पागल कहेंगे लेकिन मैं कॉन्फिडेंट था कि हम जीत सकते हैं। मैं खुद से कह रहा था कि मैं यह कर सकता हूं। मैंने सोचा 15 रन इबादत के साथ, 20 रन हसन महमुद के साथ और बाकी 15-20 रन मुस्तफिजुर के साथ करूंगा। लेकिन दो विकेट जल्दी गिरने के बाद हम करो या मरो की स्थिति पर पहुंच चुके थे।
मुस्तफिजुर ने दिया था भरोसा
मिराज ने कहा कि इस दौरान मुस्तफिजुर का काफी साथ मिला। उन्होंने मुझे यह भरोसा दिलाया कि आप चिंता मत करो, मैं अपनी बॉडी पर गेंद खा लूंगा लेकिन आउट नहीं होउंगा। मिराज ने आगे कहा कि यदि मैं उस वक्त ये सोचता कि ये रन नहीं बनेंगे तो यह काम नहीं करता। उस वक्त आउट होने में कोई समस्या नहीं थी जब 50 रन की दरकार थी, हमने चांस लिया और यह काम कर गया।