छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का अहम फैसलाः नियोजित व्यक्ति अनुकंपा नियुक्ति का पात्र नहीं, एसईसीएल कर्मी की दूसरी पत्नी की बेटी को दिया नियुक्ति देने का आदेश

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने एक फैसले में कहा है कि नियोजित व्यक्ति अनुकंपा नियुक्ति का हकदार नहीं होगा। कोर्ट ने कोल इंडिया के कर्मचारियों के मामले में स्पष्ट किया है कि संतान पहले से नियोजित है तो उसे अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती। यदि कर्मचारी की दो पत्नियां हैं तो दूसरी पत्नी की संतान अनुकंपा नियुक्ति की हकदार होगी। इसके साथ ही कोर्ट ने एसईसीएल में कार्यरत कर्मचारी की दूसरी पत्नी की बेटी को नियुक्ति देने का आदेश दिया है। पहली पत्नी के बेटे का दावा इस आधार पर खारिज कर दिया है कि वह पहले से नौकरी में है।

जानिए पूरा मामला 

कोरबा जिले के रजगामार में कार्यरत एसईसीएल कर्मचारी तुलसीराम की मौत के बाद उनकी दूसरी पत्नी की पुत्री अनीता निराला ने अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की। इसी बीच पहली पत्नी के पुत्र ¨लगराम निराला भी हाई कोर्ट पहुंचे गए। कोर्ट ने दोनों मामलों की एक साथ सुनवाई की। कोर्ट के नोटिस के जवाब में एसईसीएल ने बताया कि दोनों याचिकाकर्ता ¨लगराम निराला और अनीता निराला के बीच विवाद है। उत्तराधिकार प्रमाण पत्र के लिए दोनों के बीच चल रहा मुकदमा कटघोरा न्यायालय में लंबित है।

हाई कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपने फैसले में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने तय किया गया है कि दूसरे विवाह से जन्मा बच्चा भी अनुकंपा नियुक्ति का हकदार है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा, “लगराम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करतला में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुबंध के आधार पर कार्यरत हैं, जबकि अनीता के रोजगार के संबंध में कोर्ट के सामने कोई रिकार्ड पेश नहीं किया गया। वह तुलसीराम की कमाई पर निर्भर है, इसलिए एसईसीएल अनीता निराला के मामले में कोल इंडिया की नीति के अनुसार अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने पर विचार करे।”