नई दिल्ली । फीफा वर्ल्ड कप 2022 की मेजबानी इस साल कतर कर रहा है। यह इतिहास का सबसे महंगा वर्ल्ड कप बताया जा रहा है। 1994 के फीफा वर्ल्ड कप में 500 मिलियन डॉलर का खर्च आया था। 1998 में 2.3 बिलियन डालर, 2002 में 7 बिलियन डालर, 2006 में 4.3 बिलियन डालर, 2010 में 3.6 बिलियन डालर, 2014 में 15 बिलियन डालर, 2018 में 11.6 बिलियन डालर का खर्च आया था। इस बार ऐसा क्या हुआ कि फीफा वर्ल्ड कप का खर्चा बढ़ गया। इस बार यह खर्चा 229 बिलियन डालर यानी भारतीय 17 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचा।
2010 में यह घोषणा हुई थी कि 2022 का फीफा विश्व कप कतर में आयोजित किया जाएगा। उस वक्त से लेकर आज तक कतर के पास 12 साल थे। इन 12 सालों में कतर को 8 स्टेडियम, मेहमानों के रुकने के लिए होटल, नई रेल लाइन बिछाने और एयरपोर्ट का विस्तार करना था।
विदेशों से खरीदी गई है तकनीक
कतर में जून और जुलाई में गर्मी भयंकर रूप से पड़ती है। इसलिए इस बार का वर्ल्ड कप सर्दियों में आयोजित किया गया है। स्टेडियम को ठंडा करने के लिए कतर ने एडवांस्ड एयर कंडीशनिंग कुलिंग सिस्टम खरीदे गए। साथ ही स्टेडियम की स्पेशल घास को अमेरिका से खरीदा गया।
यूरोप से खरीदे सुरक्षा उपकरण
कतर ने 2017 में यूरोप की सबसे बड़ी सुरक्षा कंपनी से 24 फाइटर जेट्स, 9 अत्याधुनिक हॉक एमके-167 ट्रेनिंग जेट 65 हजार करोड़ रुपए में खरीदने का अनुबंध किया। इसके अलावा ब्रिटेन से उसकी 2012 ओलिंपिक वाली विशेष सुरक्षा तकनीक मांगी। कतर का नेशनल सिक्योरिटी सेंटर ड्रोन, CCTV और सेंसर के जरिए देश की निगरानी करेगा।
खिलाड़ियों के लिए लग्जरी व्यवस्था
कतर फीफा वर्ल्ड कप के लिए 20,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स जुटे हैं। इनक रहने खाने की व्यवस्था की गई है। साथ ही खिलाड़ियों के लिए स्विमिंग पूल, रेस्तरा, स्पा, फिटनेट सेंटर,वॉटर एडवेंचर पार्क, स्कूबा डाइविंग और गो-कार्टिंग की व्यवस्था की गई है।