नईदिल्ली I आयकर विभाग ने कालेधन के खिलाफ एक अभियान चलाते हुए कर्नाटक में छापे के बाद 1300 करोड़ रुपये की बेहिसाब अघोषित आय का पता लगाया है। विभाग ने 20 अक्टूबर 2022 और दो नवंबर को कुछ ऐसे व्यक्तियों पर तलाशी अभियान चलाया, जिन्होंने विभिन्न रियल एस्टेट डेवलपर्स के साथ संयुक्त विकास समझौते (जेडीए) निष्पादित किए थे।
24 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोने के आभूषण जब्त
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अनुसार, 20 अक्टूबर और दो नवंबर को बेंगलुरु, मुंबई और गोवा में फैले 50 से अधिक रियल एस्टेट डेवलपर्स के परिसरों में छापे मारे गए। सीबीडीटी ने एक बयान में कहा कि अब तक तलाशी अभियान में 1300 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। इसके अलावा, 24 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और सोने के आभूषण आदि अघोषित संपत्ति भी जब्त की गई है।
आईटीआर भी दाखिल नहीं किए
तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य मिले और जब्त किए गए। आगे बयान में कहा कि यह भी पाया गया कि कुछ भूस्वामियों ने विभिन्न वर्षों के लिए अपने आईटीआर भी दाखिल नहीं किए, जहां उन्हें पूंजीगत लाभ आय अर्जित हुई थी।
आगे कहा कि बिक्री समझौतों, विकास समझौतों और अधिभोग प्रमाणपत्र (OCs) के संबंध में साक्ष्य भी जब्त किए गए हैं। इन साक्ष्यों से पता चला कि प्राधिकरणों से ओसी जारी होने के बाद भी भूस्वामियों ने विभिन्न विकासकर्ताओं को जेडीए के माध्यम से विकास के लिए दी गई भूमि के हस्तांतरण पर पूंजीगत लाभ से अर्जित आय का खुलासा नहीं किया था।
जब कर चोरी की बात कारोबारियों के सामने रखी गई तो उन्होंने अपनी चूक स्वीकार की और अपने संबंधित मामलों में पाए गए पूंजीगत लाभ से आय का खुलासा करने और उस पर देय करों का भुगतान करने पर सहमत हुए। वहीं आगे की जांच चल रही है।