नईदिल्ली I आखिर क्यों श्रद्धा वालकर जैसी लड़कियां आफताब पूनावाला जैसे लड़कों के प्यार में पड़ती हैं, जिसका इतना खौफ़नाक अंजाम होता है? आफताब पूनावाला जैसे लड़कों में ऐसा क्या होता है, जो सनातनी हिंदू लड़कों में नहीं होता है? श्रद्धा वालकर जैसी लड़कियां ऐसी क्या क्वालिटी देखती हैं आफताब पूनावाला टाइप लड़कों में कि वे उनके प्रति आकर्षित होती हैं? श्रद्धा मर्डर केस के बाद यह सवाल पूछा जा रहा है. इस सवाल का जवाब मराठी अभिनेत्री केतकी चितले ने अपने इंस्टाग्राम और फेसबुक पोस्ट से दिया है. केतकी का यह पोस्ट मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में चर्चित हो रहा है.
श्रद्धा वालकर ने अपने माता-पिता के साथ बगावत करके आफताब पूनावाला के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने का फैसला किया था. उसके पिता ने उसे बार-बार समझाया लेकिन उसने अपने पिता से यही कहा कि वह 25 साल की है और अपना भला बुरा समझती है. उसने आफताब पूनावाला के लिए अपना घर छोड़ा था. उसी आफताब ने उसे दुनिया छुड़वा दिया. केतकी चितले कौन है, जिसका श्रद्धा मर्डर केस पर लिखा हुआ पोस्ट चर्चा में है? हम पाठकों को यह याद दिला दें कि यह वही मराठी अभिनेत्री है जिसने अपने पोस्ट में एनसीपी प्रमुख शरद पवार के लिए आपत्तिजनक बातें लिखी थी और इस वजह से उसे जेल जाना पड़ा था.
‘सनातनी लड़कों आपको भी सुधरना पड़ेगा’
रोमन स्क्रिप्ट में अपने हिंदी में लिखे इंस्टाग्राम पोस्ट में केतकी लिखती हैं, ‘ सनातनी लड़कों, आपको भी सुधरना पड़ेगा. आप जब तक अपने खोखले पुरुषार्थ से प्यार करते रहोगे, तब तक लड़कियां अब्दुल, आफताब, अहमद के साथ ही नजर आएंगी, क्योंकि पटाने के चक्कर में वे लड़कियों को अटेंशन देते हैं, फिर मारते हैं. आप पहले ही ठुकराते हो और अपेक्षा रखते हो कि वो आपसे प्यार करे. जागो मेरे देश ‘
‘हम सनातनी ही हैं, और ये एडवाइज लड़कियों पर अच्छी लगती है’
केतकी चितले के इस पोस्ट पर एक लड़के ने कमेंट किया है. उसने लिखा है, ‘हम सनातनी ही हैं. और यह एडवाइज लड़कियों पर अच्छी लगती है. जय श्री राम.’
‘इसीलिए सनातनी लड़कों से मुसलमान लड़की नहीं पटती…’
इसके जवाब में केतकी चितले लिखती हैं, ‘आपके इसी एटीट्यूड की वजह से सनातनी लड़कों से मुसलमान लड़कियां नहीं पटतीं, लेकिन मुसलमान सही तरीके से लड़की पटा के पैसे कमाते हैं.’
‘मेरा अब्दुल ऐसा नहीं…’
अपने फेसबुक पोस्ट में केतकी ने मराठी में लिखा है, ‘ मेरा अब्दुल ऐसा नहीं. सही बात है. खुद मरी, अपने पीछे रोता-बिलखता परिवार छोड़ गई. लेकिन 35 टुकड़े होते वक्त, गला दबाए जाते वक्त, पश्चाताप तो हो रहा होगा ना? परिवार पर क्या बीत रही होगी. सोच कर भी दिल कांप जाता है. लड़कियों, तुम भी आखिरी सांस से पहले आंखें खोल कर देखो (इस बार हमेशा के लिए) मिटना है क्या? क्या अब भी नींद से जागोगी?’