8 करोड़ मूल्य की नकली दवाओं के साथ 7 लोग गिरफ्तार, चीन और बांग्लादेश से जुड़ रहे तार

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने नकली दवाई का धंधा करने वालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। कैंसर की नकली दवाई बेचने वाले गिरोह के गैंग का खुलासा करते हुए दिल्ली पुलिस ने सात शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है। 

8 करोड़ रुपये की नकली दवाई बरामद

क्राइम ब्रांच के मुताबिक, जांच पड़ताल के दौरान न केवल सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है, बल्कि इनकी निशानदेही पर करीब आठ करोड़ रुपये मूल्य की दवाइयां भी जब्त की हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, ये शातिर गिरोह दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में सक्रिय है और नकली दवाइयों की सप्लाई करता है।

विदेशों से जुड़े तार 

शुरुआती जांच के मुताबिक, सातों गिरफ्तार शातिरों के तार विदेश से जुड़ते नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन शातिरों के लिंक नेपाल, बांग्लादेश और चीन से जुड़े हैं। माना जा रहा है कि इसमें अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी शामिल हो सकता है।

यूपी और हरियाणा में सप्लाई करते हैं नकली दवाई

पूछताछ के आधार पर जानकारी सामने आ रही है कि इनका गिरोह दिल्ली-एनसीआर के सक्रिय है। इसके साथ ही यूपी और हरियाणा में नकली दवाई बेचने का धंधा करते थे। इनकी निशानदेही पर क्राइम ब्रांच ने आठ करोड़ मूल्य की दवाई जब्त की है।

भगीरथ पैलेस का भी निकल सकता है लिंक

दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक, आरोपित कैंसर मरीज के तीमारदारों से फोन पर संपर्क कर ऑनलाइन दवा भेजते थे। इसके अलावा भागीरथ पैलेस के दवा विक्रेताओं के जरिए भी नकली दवा बेची जा रही थी। ऐसे में दिल्ली पुलिस शक के आधार पर दवाई विक्रेताओं के यहां पर भी छापेमारी कर सकती है। फिलहाल इन शातिरों से लंबी पूछताछ जारी है। 

रविंद्र सिंह यादव (विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा) का कहना है कि फर्ज़ी कैंसर और जीवन रक्षक दवा बनाने वाले गिरोह को पकड़ा गया है। इसमें सात लोगों की गिरफ़्तारी हुई है, जिसमें डॉक्टर, इंजीनियर, एमबीए करे हुए लोग शामिल हैं। कुछ लोग फरार हैं, जिनको जल्द पकड़ा जाएगा। यह लोग कीमती दवाओं को यह कहकर बेचते थे कि यह भारत में नहीं मिलती है।

सोनीपत आदि जगहों में फैक्ट्री पकड़ी है। गाज़ियाबाद में एक गोदाम पकड़ा है, जिसकी वहीं अलग प्राथमिकी दर्ज़ हुई है। यह विभिन्न स्रोतों से दवाओं को बेचते थे। अभी जो खेप पकड़ी है उसकी कीमत आठ करोड़ रुपये है। यह लोग तीन से चार वर्ष से ऐसा काम कर रहे थे।