पापा मैं 25 की हूं, खुद ले सकती हूं फैसले, तब घर छोड़कर चली गई थी श्रद्धा; पिता बोले- बात मान लेती तो जिंदा होती,पढ़िए पूरी कहानी…

नई दिल्ली। श्रद्धा मर्डर केस में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं। 26 साल की लड़की को उसके लिव-इन पार्टनर ने किस बेरहमी से मारा और फिर उसके शरीर के 35 टुकड़े कर दिए, यह कहानी अपने आप में दिल दहलाने वाली है। लेकिन इसमें सबसे दुखद पहलू श्रद्धा के पिता का है। उन्हें इस बात का अफसोस है कि उनकी बेटी ने प्यार में जिद के चलते उनकी बात नहीं मानी। अगर मान ली होती तो आज वह जिंदा होती।

श्रद्धा के पिता की जुबानी सुनिए पूरी कहानी…

बेटी को बहुत समझाया, पर वो नहीं मानी; जिद करती रही कि मैं अपने फैसले खुद लूंगी
श्रद्धा के पिता विकास मदन वॉकर बताते हैं, ‘श्रद्धा और आफताब के रिलेशनशिप के बारे में परिवार को 18 महीने बाद पता चला। श्रद्धा ने अपनी मां से साल 2019 में कहा था कि वो आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में है। इसका मैंने और मेरी पत्नी ने विरोध किया था। तब श्रद्धा नाराज हो गई और उसने कहा कि मैं 25 साल की हो गई हूं। मुझे अपने फैसले लेने का पूरा हक है। मुझे आफताब के साथ लिव इन में रहना है। मैं आज से आपकी बेटी नहीं।

यह कहकर वो घर से जाने लगी, तो मेरी पत्नी ने काफी मिन्नतें की। मगर, वो नहीं मानी और आफताब के साथ चली गई। हमें उसके दोस्तों से ही उनकी जानकारी मिल पाती थी। कुछ दिन बाद उसकी मां गुजर गई। मां की मौत के बाद श्रद्धा ने मुझसे एक-दो बार बातचीत की थी। तब उसने बताया था कि आफताब के साथ उसके रिश्ते में कड़वाहट आ गई है। उस दौरान वह एक बार घर भी आई और बताया कि आफताब उसके साथ मारपीट करता है। तब मैंने उसे वापस घर आने को कहा था। मगर, आफताब के मनाने पर वह उसके साथ चली गई।

श्रद्धा के दोस्त ने बताया था कि उसका फोन बंद है, तब हमने पुलिस में शिकायत की
विकास ने आगे बताया, ‘श्रद्धा के जाने के बाद मुझे उसके दोस्तों शिवानी माथरे और लक्ष्मण नडार ने बताया कि श्रद्धा और आफताब के रिश्ते अच्छे नहीं हैं। आफताब उसे मारता-पीटता है। मैं उसे कई बार समझा चुका था, लेकिन उसने कभी मेरी बात नहीं मानी इसलिए मैंने उससे बात नहीं की।

इसी बीच 14 सितबंर को मेरे बेटे श्रीजय को लक्ष्मण ने फोन करके बताया कि श्रद्धा का फोन दो महीने से बंद है। अगले दिन जब मैंने बेटे से बात की तो उसने मुझे श्रद्धा का फोन बंद होने की बात बताई। तब मैंने लक्ष्मण से बात की और महाराष्ट्र के मानिकपुर थाने में श्रद्धा के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पता चला कि श्रद्धा आफताब के साथ दिल्ली में रह रही है। इस पर हमने दिल्ली के महरौली थाने पहुंचकर आफताब के खिलाफ बेटी के अपहरण की FIR दर्ज कराई।’

श्रद्धा के फैसले से मां को सदमा लगा
जब श्रद्धा ने आफताब के साथ लिव इन में रहने के लिए घर छोड़ दिया, तो पिता नाराज हुए। बेटी के इस फैसले से श्रद्धा की मां को गहरा सदमा लगा। वे अक्सर बीमार रहने लगीं। 2021 में उनकी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद श्रद्धा दिल्ली से अपने घर गई। उस समय भी उसने पिता को बताया था कि आफताब के साथ उसका रिश्ता ठीक नहीं है। वो अक्सर उससे मारपीट करता है। इसके करीब छह महीने आफताब ने श्रद्धा की हत्या कर दी।

फोटो आफताब के इंस्टाग्राम पेज से ली गई है। आफताब के इंस्टाग्राम पर 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

फोटो आफताब के इंस्टाग्राम पेज से ली गई है। आफताब के इंस्टाग्राम पर 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

आफताब ने कुबूल किया…. यस आई किल्ड हर

पुलिस ने बताया कि श्रद्धा और आफताब 8 मई को दिल्ली में आए थे। 10 दिन बाद आफताब ने श्रद्धा का मर्डर कर दिया। - फोटो सोशल मीडिया

पुलिस ने बताया कि श्रद्धा और आफताब 8 मई को दिल्ली में आए थे। 10 दिन बाद आफताब ने श्रद्धा का मर्डर कर दिया। – फोटो सोशल मीडिया

पुलिस ने मंगलवार को बताया कि आफताब से कत्ल के बारे में जो भी पूछा जाता है, वह उसके बारे में अंग्रेजी में जवाब देता है। ऐसा नहीं है कि उसे हिंदी नहीं आती, पर वो अंग्रेजी में ज्यादा कम्फर्टेबल है। उसने कुबूल किया- Yes i killed her… 

बड़ा सवाल- कत्ल कब… मई में या फिर जुलाई में?

श्रद्धा मर्डर केस में अब सवाल ये है कि आखिर उसका मर्डर कब हुआ? सवाल की वजह दो दावे हैं। पहला दावा पुलिस का है, जो कह रही है कि श्रद्धा का मर्डर मई में हुआ। दूसरा दावा दोस्त लक्ष्मण नडार का है, जो कह रहा है कि जुलाई में उसकी श्रद्धा से बातचीत हुई थी।

लक्ष्मण ने दावा सोमवार को एक इंटरव्यू में किया। उसने बताया कि जुलाई में श्रद्धा ने वॉट्सऐप के जरिए उससे कॉन्टैक्ट भी किया था। श्रद्धा काफी डरी हुई थी। तब उसने कहा था कि मुझे बचा लो, वरना आफताब मार डालेगा। 

मर्डर के लिए आफताब ने क्राइम शो देखे, गुनाह छिपाने के लिए गूगल सर्च की

आफताब ने वारदात से पहले अमेरिकी क्राइम शो डेक्स्टर समेत कई क्राइम मूवीज और शोज देखे थे। सबूत मिटाने के लिए गूगल पर खून साफ करने का तरीका भी ढूंढा था। इसके बाद ही उसने श्रद्धा का मर्डर किया और आरी से काटकर उसकी बॉडी के 35 टुकड़े किए। 18 दिन तक रोज रात 2 बजे जंगल में श्रद्धा के टुकड़े फेंके।