दुर्ग। जिले में महादेव ऑनलाइन सट्टा चलाने वालों पर पुलिस अपना शिकंजा कसती जा रही है। पुलिस ने रविवार शाम दो बड़े बुकी को पकड़ा है। वहीं दो लोग फरार हो गए हैं। इस कार्रवाई के साथ ही पुलिस के हाथ हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र के रहने वाले डीके (धर्मेंद्र) तक पहुंच चुके हैं। डीके काफी दिनों से महादेव आईडी चला रहा है। उसने सट्टा एप से इतना पैसा कमा लिया है कि डेढ़ लाख रुपए का जूता पहनता है।
छावनी सीएसपी प्रभात कुमार की स्पेशल टीम इस समय महादेव बुक से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। उन्होंने रविवार शाम शीतला कॉम्पलेक्स में दबिश दी। यहां महादेव ऐप की ब्रांच संचालित हो रही थी। इस ब्रांच को शीतला मंदिर के पास रहने वाले सोनी, सूर्या नगर निवासी एक ऑटो चालक और कैंप निवासी नियाज और वकील मिलकर चला रहे थे। पुलिस सोनी और उसके साथी को तो गिरफ्तार कर लिया, लेकिन मुख्य आरोपी नियाज और वकील भागने में कामयाब हो गए।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से बड़ी संख्या में लैपटॉप, एटीएम, बैंक पासबुक, मोबाइल में महादेव सट्टा ऐप और नगदी जब्त किया है। फरार दो आरोपी नियाज और वकील की तलाश में पुलिस लगी है। नियाज और वकील मुख्य रूप से जुआ खिलवाने का काम करते थे। ये काफी समय से महादेव एप चला रहे हैं। कुछ दिन पहले ही रायपुर इन्हें गिरफ्तार करके ले गई थी।
कुछ ही महीनों में करोड़पति बन गया डीके
शारदा पारा कैंप 2 में रहने वाला डीके (धर्मेंद्र) पहले जेडी ग्रुप के साथ मिलकर जुआ खिलवाता था। जबसे इसने महादेव आईडी का काम शुरू किया जेडी से अलग हो गया। महादेव आईडी का संचालन यह अकेले ही कर रहा है। इसीलिए पुलिस की नजरों से बचता रहा। कुछ ही महीनों के अंदर जेडी इतना पैसा कमा चुका है वह दुबई मेड जूते और कपड़े पहनता है। अपनी भाई की शादी के लिए उसने अकेले 8-10 लाख रुपए का सोना भिलाई से खरीदा था।
10 दिन के अंदर होगा बड़ा खुलासा
सीएसपी छावनी प्रभात कुमार का कहना है कि उन्होंने कार्रवाई की है, लेकिन उसके बारे कुछ भी नहीं बता सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनके हाथ कुछ बड़ा सबूत लगा है। उस पर काम कर रहे हैं। दस दिन के अंदर इस मामले में बड़ा खुलासा किया जाएगा।
डीके सहित कई बड़े नामों तक पहुंची पुलिस
दुर्ग एसी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दो लोग फरार हो गए हैं। पुलिस उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लेगी। पूछताछ में इनसे कई बड़े लोगों के नाम आ रहे हैं। पुलिस साक्ष्य जुटा रही है, जिससे सभी लोगों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जा सके। जल्द ही कई बड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सट्टेबाज कॉन्स्टेबल को पुलिस ने किया था सस्पेंड..
दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने कॉन्स्टेबल सहदेव को महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप में शामिल होने के चलते सस्पेंड किया था। उस पर आरोप है कि वह साल 2020 से कई महीने तक बिना किसी सूचना के गायब रहा। उसकी लगातार महादेव ऐप के संचालकों से बातचीत होती थी और वह खुद भी इसमें शामिल था। इसकी जांच के लिए दो आईपीएस अधिकारियों को लगाया गया है। यदि सारे सबूत सही पाए गए तो सहदेव को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।
दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि दुर्ग में मार्च 2022 में महादेव आईडी के बड़े रैकेट का खुलासा हुआ था। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों के शामिल होने की बात सामने आई थी। इस पर तत्कालीन एसपी बीएन मीणा ने 10-15 आरक्षकों को लाइन अटैच किया था।
एक्शन के बाद सारे आरक्षकों की फिर से पदस्थापना की गई, उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जा रही थी। इन्हीं कॉन्स्टेबल में सहदेव, भीम और अर्जुन का नाम था। ये तीनों भाई थे। इनके कॉल डिटेल और सीडीआर खंगालने पर सहदेव की भूमिका संदिग्ध नजर आई। वह लगातार कई महीनों से ड्यूटी से गायब था। साथ ही वह लगातार महादेव ऐप से जुड़े लोगों से बात करता रहा और कई राज्यों में इसकी मौजूदगी भी मिली। इस मामले की जांच दुर्ग सीएसपी वैभव बैंकर और छावनी सीएसपी प्रभात कुमार को सौंपी गई। दुर्ग एसपी ने सहदेव को सस्पेंड कर दिया है।
दुबई में बैठे सन्नी सतनाम से लगातार करता था बात
पुलिस जांच में पता चला कि सहदेव महादेव सट्टा चलाने वाले और दुबई में बैठे सन्नी सतनाम से लगातार बात करता था। सीडीआर डिटेल में इस बात की पुष्टि हो चुकी है। इतना ही नहीं सहदेव बिना बताए नदारद है और इस दौरान उसका लोकेशन मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में पाया गया, जहां महादेव ऐप का संचालन किया जा रहा है।
साल 2020 से लगातार गायब है सहदेव
सहदेव सिपाही सबसे पहले स्मृति नगर चौकी में पदस्थ था। यहां 15 अप्रैल 2020 से 17 नवंबर 2020 तक बिना बताए गायब रहा। ये सिलसिला आगे चलता रहा। बाद में इसे लाइन अटैच किया गया। फिर इसकी पदस्थापना कुम्हारी थाने में की गई। यहां 18 अगस्त 2021 से 10 सितंबर 2021, 14 नवंबर 2021 से 20 नवंबर 2021 और फिर 21 नवंबर 2021 से 3 मार्च 2022 तक गायब रहा। मार्च 2022 से अब तक फिर वह बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहा था। इसके चलते उसे सस्पेंड किया गया है।
महादेव सट्टा से कई नेता, पुलिस अधिकारियों और पत्रकारों के नाम भी जुड़े
दुर्ग पुलिस की जांच में महादेव ऑनलाइन सट्टा एप से केवल पुलिस के सिपाहियों के नाम ही नहीं जुड़े मिले। इसमें पुलिस के कई अधिकारियों, नेता और पत्रकारों के नाम भी जुड़ चुके हैं। पुलिस इन सभी की जांच कर रही है।
कॉन्स्टेबल भीम ने कहा- भाई होने का झेल रहे दंश
महादेव ऑनलाइन सट्टा से जुड़े सिपाही सहदेव के बड़े भाई भीम और अर्जुन का भी नाम सामने आया है। वह दोनों भी दुर्ग पुलिस में सिपाही हैं। इसके चलते उन्हें लाइन अटैच किया गया । भीम ने एक बातचीत करते हुए कहा कि उसका और उसके भाई अर्जुन का सहदेव से कोई लेना देना नहीं है। वह जबसे गलत लाइन में गया है उन लोगों ने उससे सारे नाते तोड़ दिए हैं। वह केवल सहदेव के भाई हैं इसका दंश झेल रहे हैं।
ऑनलाइन सट्टा; 40 बैंक खातों से ट्रांसेक्शन का क्लू मिला था..
महीने भर पहले राजधानी में महादेव बुक और रेड्डी अन्ना एप के जरिए चल रही ऑनलाइन सट्टेबाजी के रैकेट से बड़ा खुलासा हुआ था। दुबई के फाइव स्टार होटल में 18 सितंबर को ग्रैंड सेलिब्रेशन रखा गया था। इसमें राज्य के नेता, कारोबारी, बिल्डर समेत 80 से ज्यादा लोग शामिल होने की चर्चा है। महादेव बुक के बड़े हिस्सेदारों को दुबई बुलाया गया था, जबकि आईडी चलाने वालों को गोवा में पार्टी दी गई थी। उनके लिए कई रिसॉर्ट बुक किए गए थे। रायपुर-दुर्ग पुलिस अब दुबई जाने वालों की जानकारी जुटा रही है।
जांच के दायरे में राज्य के कई कर्मचारी और अधिकारी भी थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक रायपुर समेत अन्य राज्यों में होने वाले रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज पर भी महादेव बुक तगड़ा सट्टा चलाने वाले थे। इसके लिए भी ये लोग सेटअप तैयार कर रहे थे। दूसरे राज्यों से लोगों को बुला रहे थे, जो स्टेडियम में बैठकर लाइव सट्टा चलाएं। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी।
आईडी चलाने वालों को गोवा में दी गई पार्टी, भिलाई के सतीश ने किराये पर लिया था मकान
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि डीडी नगर इलाके में पकड़े गए 25 लोगों के मोबाइल को साइबर सेल में जांच के लिए भेजा गया था। बुकी और उसके साथी कभी सीधे कॉल नहीं करते थे। उनकी बात इंटरनेट कॉल पर ही होती थी। पुलिस का दावा है कि भिलाई निवासी सतीश ने ही डीडी नगर के अलग-अलग इलाके में मकान किराए पर लिया था। वह पकड़े गए आरोपियों के संपर्क में था।
सतीश बुकी सौरभ महादेव और रवि से सीधे संपर्क में था। वह लग्जरी गाड़ियों में घूमता है। रायपुर-दुर्ग के कुछ पुलिस वालों का वह करीबी है। पुलिस सतीश के संबंध में जानकारी जुटा रही है। पुलिस को अहम क्लू मिल गया है। रायपुर में कुछ माह पहले पब और रेस्टोरेंट चलाने वाले एक कारोबारी की पुलिस तलाश कर रही है।
राज्य के बाहर बेच रहे आईडी
महादेव बुक सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में आईडी बेच रहे थे, लेकिन उसने कम कर दिया है। अपने करीबी और विश्वास पात्र लोगों की ही आईडी बेच रहे थे। अब आईडी राज्य के बाहर ज्यादा बेची जा रही थी। ये 8 राज्यों और 9 देश में अपना नेटवर्क फैला चुके हैं। इसमें बॉलीवुड से जुड़े लोग भी शामिल हैं। इसलिए उन्हें सेलिब्रेशन के लिए दुबई बुलाया गया था।
ऑटो, रिक्शा वालों के खाते किराए पर
महादेव बुक में पैसों का लेन-देन ऑनलाइन होता है। यहां कैश का कोई कारोबार नहीं है। ये ऑटो-रिक्शा, मजदूरी करने वालों के खाते खुलवाते हैं। उन्हें खाते के उपयोग करने के बदले हर माह 5 हजार कमीशन दिया जा रहा है। उनका पासबुक, एटीएम कार्ड अपने पास रखते हैं। इसी तरह उनके नाम से सिम भी खरीदकर रखा हुआ है। खुद के नाम पर कुछ भी नहीं। पैसा मुंबई-कोलकाता से हवाला हो रहा।
सरकारी लोग भी चला रहे हैं आईडी
महादेव बुक पर कार्रवाई के बाद सरकारी महकमे में चर्चा है कि आईडी चलाने वालों में कई सरकारी लोग भी हैं। वे खुद आईडी चला रहे हैं। वे लोगों के पास पैसे भी पहुंचा रहे हैं। इसमें कुछ वर्दी वालों के नाम की भी चर्चा है। कुछ लोगों ने दिल्ली में बड़े बुकियों के साथ मीटिंग भी की है। छोटे लोगों तक सिमटकर रह गई कार्रवाई। रायपुर पुलिस ने सवा साल में दूसरी बार महादेव बुक पर कार्रवाई की है।
दुबई जाने वाले में दुर्ग-रायपुर से ज्यादातर लोग
प्रारंभिक पड़ताल में खुलासा हुआ है कि दुबई जाने वालों में ज्यादातर दुर्ग, भिलाई और रायपुर के हैं। वे लोग 15-16 सितंबर को रवाना हुए थे। कुछ लोग आकर मुंबई में ठहरे हुए थे। इसमें मौदहापारा, बैरनबाजार, रामसागरपारा, सिविल लाइन इलाके के लोग शामिल हैं। जाने वाले में बड़े राजनीति पार्टी से जुड़े नेता, सराफा कारोबार, बिल्डर और कबाड़ से जुड़े लोग हैं।
रायपुर में 12 आरोपी हुए थे गिरफ्तार…
करीब एक माह पहले रायपुर पुलिस ने महादेव बुक ऐप से ऑनलाइन सट्टे का कारोबार चलाने वाले 12 बदमाशों को पकड़ा था। छत्तीसगढ़ की पुलिस ने आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम जाकर सट्टे के अड्डों पर रेड की कार्रवाई की थी। तब इन सटोरियों को गिरफ्तार किया गया।
सिटी एसपी अभिषेक माहेश्वरी ने बताया कि रायपुर के अवंती विहार इलाके से गिरफ्तार हुए दिनेश और वी कार्तिक नाम के सटोरियों से आंध्र के गैंग का इनपुट मिला था। जिसके आधार पर यह कार्रवाई हुई थी। यहां के सट्टेबाजों का आंध्रप्रदेश लिंक सामने आने के बाद टीम को विशाखापट्टनम भेजा गया। इसके बाद वहां बैठकर छत्तीसगढ़ के सटोरियों के साथ कारोबार करने वालों को गिरफ्तार किया गया था। विशाखापट्टनम के विजयनगर इलाके में एक मकान से सट्टे का रैकेट ऑपरेट हो रहा था।