चुनाव आयोग का फैसला, मतदाता सूची में ट्रांसजेंडर के मुद्दों के समाधान के लिए समिति का होगा गठन

नई दिल्ली। भारत के चुनाव आयोग ने एक समिति गठित करने का फैसला किया है। ये समिति ट्रांसजेंडर समाज के लोगों के लिए मतदाता बनने की प्रक्रिया को आसान बनाने के तरीकों का अध्ययन करेगी। चुनाव आयोग के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुणे में ट्रांसजेंडर समिति के कुछ सदस्यों से भी मुलाकात की। यह बैठक महाराष्ट्र के पुणे जिले में शुरू किए गए चुनाव आयोग के विशेष सारांश संशोधन 2023 का हिस्सा थी।

बैठक में लिया समिति बनाने का फैसला

आयोग के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने किया। बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को संबोधित किया और बताया कि चुनाव आयोग ने ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए मतदाता बनने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र के मुख्य चुनाव अधिकारी श्रीकांत देशपांडे इस समिति की अध्यक्षता करेंगे।

क्या बोले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा हमने आज ट्रांसजेंडर समुदाय के साथ एक बैठक की और मुझे उनकी टिप्पणी और भावना ने प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि उनके पास संपत्ति में अधिकार नहीं हैं, इसलिए जो पता ये लोग मुहैया कराते हैं, उसे फॉर्म में लिखा जाता है। इसलिए हमने ट्रांसजेंडर की सहूलियत के लिए समिति बनाने का फैसला किया है और यही समाज को करना चाहिए। किसी भी कीमत पर उन्हें हाशिए पर नहीं रखा जाना चाहिए।

वोटिंग अधिकारों के बारे में बहुत उत्साहित है ट्रांसजेंडर समुदाय

उन्होंने आगे कहा कि ट्रांसजेंडर समुदाय वोटिंग अधिकारों के बारे में बहुत उत्साहित हैं, इसलिए उनसे मिलने के बाद हमने ट्रांसजेंडर के लिए सीधे एक समिति नियुक्त करने का फैसला किया है, जिसमें हम देखेंगे कि हम अपनी प्रक्रिया को किस तरह से अधिक सुलभ बना सकते हैं। उनकी जन्मतिथि उनके प्रमाण पत्र को हम प्रमाण के रूप में या संपत्ति के अधिकार के बिना भी कैसे ले सकते हैं।

महाराष्ट्र के चीफ इलेक्शन ऑफिसर की तारीफ की

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने आगे बताया कि महाराष्ट्र के चीफ इलेक्शन ऑफिसर ने इस क्षेत्र में बहुत काम किया है, वह इस समिति की अध्यक्षता करेंगे और पूरे भारत से ट्रांसजेंडरों की भागीदारी को सूचीबद्ध करने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि हम कुछ ट्रांसजेंडर को हमारे राष्ट्रीय आइकन बनाने का भी प्रयास करेंगे, जिसके वे हकदार हैं। राष्ट्रीय प्रतीक होने के लिए वे भी समाज का उतना ही हिस्सा हैं जितना कि हममें से कोई है।