नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) secपार्टी के चुनाव चिन्ह को हटाने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा। याचिका में चुनाव आयोग को मतपत्र और इवीएम से चुनाव चिन्ह हटाने और इसे उम्मीदवारों के ‘नाम, उम्र, शैक्षणिक योग्यता और फोटो से बदलने का निर्देश देने की मांग की गई है। भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी।
अश्विनी उपाध्याय ने दायर की याचिका
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई इस याचिका में इवीएम पर पार्टी के चिन्ह के इस्तेमाल को अवैध-असंवैधानिक और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण को खत्म करने का सबसे अच्छा उपाय है कि मतपत्र और इवीएम पर राजनीतिक दल के चुनाव चिन्हों को उम्मीदवारों के नाम, आयु, शैक्षिक योग्यता और फोटो के साथ बदल दिया जाए।
भाई-भतीजावाद को खत्म करने में मिलेगी मदद
याचिका में कहा गया है कि “भारत के चुनाव आयोग को इवीएम पर उम्मीदवारों के ‘नाम, आयु, शैक्षिक योग्यता और फोटो’ का उपयोग करने के निर्देश दिए जाएं। इसके अलावा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जाए। इससे भ्रष्टाचार, अपराधीकरण, जातिवाद, सांप्रदायिकता क्षेत्रवाद, भाषावाद और भाई-भतीजावाद को खत्म करने में मदद मिलेगी। इसमें कहा गया है कि बिना राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह वाले मतपत्र और इवीएम के कई फायदे हैं क्योंकि इससे मतदाताओं को वोट देने और बुद्धिमान मेहनती और ईमानदार उम्मीदवारों का समर्थन करने में मदद मिलेगी।
चुनाव में EVM पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनावों में इवीएम के इस्तेमाल पर रोक वाली याचिका को खारिज कर दिया था। याचिका में इवीएम मशीनों पर रोक लगा मतपत्र के इस्तेमाल की मांग की गई थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हिमा कोहली की बेंच ने सीआर जया सुकिन द्वारा दायर इस याचिका को खारिज कर दिया गया।