रायपुर। शुक्रवार की दोपहर ED ने IAS समीर विश्नोई को कोर्ट में पेश किया। दोनों पक्षों में सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट ने समीर की 6 दिन की रिमांड बढ़ाने के आदेश दे दिए हैं। ED की तरफ से दोपहर को कोर्ट में यही मांग की गई थी।
कारोबारी सुनील अग्रवाल के वकील विजय अग्रवाल के मुताबिक अफसर की 6 दिन पुलिस कस्टडी की मांग की गई थी। जिसका हमने विरोध किया।दिल्ली और मुंबई की अदालतों का उदाहरण देते हुए कोर्ट से यह भी मांग की गई थी कि विश्नोई को फिर से कस्टडी में रखा जाता है तो उन्हें उनके परिजनों से मिलने दिया जाए और घर का खाना खाने दिया जाए।
विश्नोई पिछले 8 दिनों से ED की रिमांड में थे। इनके साथ दो कारोबारियों को भी अदालत में पेश किया गया। इस मामले में कोर्ट में अभी सुनवाई जारी है। चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रहे और IAS अधिकारी समीर विश्नोई को ED ने गिरफ्तार किया था। इनके साथ कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी को भी पकड़ा गया था।
वकील ने ईडी की कार्रवाई को बताया गलत
विजय अग्रवाल ने दावा किया कि धारा 384 के तहत भी आईएएस विश्नोई पर मामला बनाया गया था। जबकि FIR में धारा 384 का कोई जिक्र नहीं है। इसलिए यह कार्रवाई पूरी तरह से गलत होगी। FIR को अदालत में पेश किया गया है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि कस्टडी बढ़ाकर समीर विश्नोई से पूछताछ करना चाहते हैं। IAS के वकील ने कहा कि लगातार 8 दिनों से काफी पूछताछ हो चुकी है अब क्लाइंट के पास जानकारी देने के लिए और कुछ नहीं है। जांच में पूरा सहयोग किया गया इसलिए अब विश्नोई को जमानत दी जानी चाहिए। अदालत में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
पिछली सुनवाई में रायपुर की अदालत ने 8 दिन की रिमांड मंजूर की। हालांकि ईडी की टीम ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी। इन 8 दिनों में ED को कई तरह के सबूत मिले हैं। इसमें कोल अवैध वसूली के भी सबूत शामिल हैं। ED ने कोर्ट में बताया है कि, समीर विश्नोई के घर में 4 किलो सोना और 20 कैरेट हीरा मिला है। इसके साथ 47 लाख रुपए कैश मिला। इन पूरी कार्रवाईयों में कारोबारियों के पास से मिले कुल कैश और गोल्ड को ED ने 6.5 करोड़ का बताया था। 11 अक्टूबर को कई जगहों पर ED ने छापे मारे थे।
ये तस्वीर 13 अक्टूबर की है। उस वक्त पेपर से समीर ने अपना चेहरा ढक लिया था।
‘हमें अफसरों ने धमकाकर साइन करवाए”
IAS समीर विश्नोई की पत्नी ने ED की कार्रवाई को गलत बताकर CM बघेल से शिकायत में कहा था- ED दफ्तर में उनसे जबरन प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेता और कारोबारियों,अधिकारियों का नाम लेने को कहा गया। मेरे पति और मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया। इसके बाद ईडी के अधिकारी ऋषि वर्मा ने मुझसे और मेरे पति से कहा कि यदि हमारे बताए अनुसार बयान नहीं दोगे तो तुम लोग और तुम्हारे परिवार वालों को जिंदगी भर जेल में सड़ा देंगे इससे मैं और मेरे पति डर गए और साइन किए।