IND vs PAK: पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले के लिए कितनी तैयार टीम इंडिया, क्या है भारत की कमजोरी और मजबूती? 

भारत बनाम पाकिस्तान

 नई दिल्ली। टी20 विश्व कप में भारतीय टीम का पहला मुकाबला पाकिस्तान से हैं। पिछले साल भी भारत का पहला मैच पाकिस्तान से था और टीम इंडिया को 10 विकेट से करारी हार का सामना करना पड़ा था। इसी वजह से इस बार भारतीय टीम समय से पहले ही ऑस्ट्रेलिया पहुंच गई थी और लंबे समय से वहां अभ्यास कर रही है। रोहित की कप्तानी में भारत की तैयारी पुख्ता है, लेकिन अभी भी टीम इंडिया में कुछ कमजोरियां हैं। यहां हम भारत के कमजोर और मजबूत पहलू पर बात कर रहे हैं। 

पिछले टी20 विश्व कप में भारतीय टीम ग्रुप स्टेज से ही बाहर हो गई थी। इसके बाद टीम इंडिया के कोच और कप्तान बदले गए थे। रोहित और द्रविड़ ने तभी से टी20 विश्व कप की तैयारी शुरू कर दी थी। इसके बाद भारतीय बल्लेबाजों ने अपना रवैया बदला और टीम इंडिया ने कोई भी टी20 सीरीज नहीं गंवाई है। अब भारतीय बल्लेबाज ज्यादा निडर होकर बल्लेबाजी कर रहे हैं और इंग्लैंड की तरह शुरुआत से ही बड़े शॉट खेल रहे हैं। हालांकि, इसकी वजह से कई मौकों पर जल्दी विकेट भी गिरते हैं और टीम बेहद छोटे स्कोर पर सिमट जाती है। 

टीम इंडिया

टीम इंडिया – फोटो : सोशल मीडिया 

भारत का मजबूत पहलू
भारतीय टीम की बल्लेबाजी सबसे मजबूत पहलू है। रोहित-राहुल की सलामी जोड़ी कमाल कर रही है। मध्यक्रम में विराट और सूर्यकुमार शानदार लय में हैं। इसके बाद हार्दिक पांड्या और दिनेश कार्तिक भी अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं। अंत में अक्षर पटेल, भुवनेश्वर कुमार, हर्षल पटेल और रविचंद्रन अश्विन भी बल्ले से योगदान दे सकते हैं। भारतीय बल्लेबाजी में गहराई है और सभी बल्लेबाज तेजी से रन बनाने में माहिर हैं। ऐसे में भारत के लिए बड़ा स्कोर बनाना बेहद आसान रहेगा। 

ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर रन बनाने में सक्षम हैं बल्लेबाज
ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर गेंद अच्छे उछाल के साथ बल्ले पर आती है। ऐसे में पुल, हुक और अपर कट जैसे शॉट बेहद उपयोगी साबित होते हैं। भारत की मौजूदा टीम में सभी प्रमुख बल्लेबाज इन सभी शॉट को खेलने में माहिर हैं। ऐसे में भारतीय टीम किसी भी पिच में बड़ा स्कोर खड़ा करने में माहिर है।

विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव

विराट कोहली और सूर्यकुमार यादव – फोटो : सोशल मीडिया 

लक्ष्य का पीछा किया तो जीत तय
पिछले दो साल में लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम का रिकॉर्ड शानदार है। विराट कोहली से लेकर लोकेश राहुल और सूर्यकुमार यादव तक सभी बल्लेबाज लक्ष्य का पीछा करने में माहिर हैं। हार्दिक पांड्या ने टीम में वापसी के बाद जिम्मेदारी के साथ मैच खत्म किया है। दिनेश कार्तिक की मौजूदगी हार्दिक का काम आसान करती है। ऐसे में भारत लक्ष्य का पीछा करता है तो टीम इंडिया की जीत तय मानी जा सकती है। 

अश्विन-अक्षर की कंजूस जोड़ी
भारत के स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल बीच के ओवरों में काफी कंजूसी से रन देते हैं और विपक्षी टीम पर दबाव बनाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के बड़े मैदानों में दोनों ही गेंदबाजों के खिलाफ बड़े शॉट खेलना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा। ये दोनों एक बार फिर बीच के ओवरों में मैच भारत के पक्ष में मोड़ सकते हैं। अभ्यास मैच में अश्विन ने एक ओवर में तीन विकेट लेकर मैच पलटा था। वह आने वाले मैचों में भी ऐसा कर सकते हैं।

रोहित शर्मा और भुवनेश्वर कुमार

रोहित शर्मा और भुवनेश्वर कुमार – फोटो : BCCI 

गेंदबाजी है कमजोर कड़ी
भारत के लिए सबसे बड़ा झटका तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह और ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा का बाहर होना है। बुमराह भारत के सबसे अहम गेंदबाज थे। खासकर डेथ ओवर में उनकी कमी खलेगी। अर्शदीप सिंह और हर्षल पटेल ने कई मौकों पर अच्छा प्रदर्शन किया है। हर्षल के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है और युवा अर्शदीप पर टी20 विश्व कप का दबाव होगा। एशिया कप के बाद उन्होंने भी डेथ ओवरों में काफी रन लुटाए हैं। ऐसे में उनसे लगातार बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करना उचित नहीं होगा। 

शमी की फॉर्म पर भी सवाल
मोहम्मद शमी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में शानदार 20वां ओवर किया था, लेकिन सिर्फ छह गेंद के आधार पर शमी की फिटनेस और फॉर्म का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। साथ ही उन्होंने पैट कमिंस और अन्य पुछल्ले बल्लेबाजों का विकेट लिया था। विकेटकीपर इंग्लिश भी क्रीज पर नए आए थे। जिस गेंद पर कमिंस आउट हुए वह कुछ खास नहीं थी। विराट के शानदार कैच की वजह से उन्हें विकेट मिला। ऐसे में भारत की डेथ गेंदबाजी अभी भी चिंता का विषय है।

शमी के साथ कोहली और अर्शदीप

शमी के साथ कोहली और अर्शदीप – फोटो : सोशल मीडिया 

भुवनेश्वर ऑस्ट्रेलिया में कितने कारगर?
ऑस्ट्रेलिया में तेज गेंदबाजों को अच्छा उछाल मिलता है और गेंद को पटकने वाले गेंदबाज ज्यादा कारगर साबित होते हैं। बुमराह इसी तरह के गेंदबाज हैं, लेकिन भारत की मौजूदा टीम में भुवनेश्वर, शमी या अर्शदीप की यह मजबूती नहीं है। हार्दिक जरूर उछाल का अच्छा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन प्रमुख गेंदबाजों की यह ताकत नहीं है। शमी कई मौकों पर अपनी छोटी गेंदों से बल्लेबाजों को तंग करते हैं, लेकिन भुवनेश्वर और अर्शदीप की मजबूती छोटी गेंद पर विकेट निकालना नहीं है। 

बीच के ओवरों में विकेट लेने वाले गेंदबाज नहीं
बीच के ओवरों में विकेट निकालने की जिम्मेदारी स्पिन गेंदबाजों पर होती है। सभी टीमों में अच्छे लेग स्पिन गेंदबाज हैं, जिन्हें पढ़ना मुश्किल हैं और ये खिलाड़ी गुच्छे में विकेट लेकर अपनी टीम को मैच में वापस लाते हैं। यूएई के लिए कार्तिक ने हाल ही में ऐसा किया। हालांकि, भारतीय टीम में कोई मिस्ट्री स्पिनर नहीं है। अश्विन-अक्षर रन रोकने में माहिर हैं, लेकिन गुच्छे में विकेट लेना इन दोनों के लिए मुश्किल है। चहल के रूप में भारत के पास बेहतरीन लेग स्पिनर है, लेकिन वह खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। ऐसे में अगर भारतीय गेंदबाज पावरप्ले में विकेट नहीं ले पाते हैं तो टीम मुश्किल में फंस सकती है। 

लोकेश राहुल

लोकेश राहुल – फोटो : सोशल मीडिया 

पिच मुश्किल हुई तो फेल हो सकते हैं बल्लेबाज
भारत की मौजूदा टीम में बल्लेबाज शुरुआत से ही बड़े शॉट खेलते हैं। विकेट गिरने पर भी आक्रामक रवैया नहीं खत्म होता और सूर्यकुमार जैसे बल्लेबाज बड़े शॉट खेलने से परहेज नहीं करते। इसी वजह से जब पिच से गेंदबाजों को मदद मिल रही होती है और बड़े शॉट खेलना आसान नहीं होता तो भारतीय बल्लेबाज परेशानी में आते हैं। खासकर पहले बल्लेबाजी करने पर टीम जल्दी विकेट गंवा देती है और अंत में पुछल्ले बल्लेबाजों पर दबाव बढ़ जाता है। वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच में ऐसा हो चुका है। 

ऐसे में टीम इंडिया को मुश्किल पिच पर अपनी रणनीति बदलने की जरूरत होगी और शुरुआती दो विकेट जल्दी गिरने पर सूर्यकुमार को चौथे नंबर पर थोड़ा संभलकर बल्लेबाजी करनी होगी। ऐसा नहीं होने पर टीम इंडिया पिछले विश्व कप की तरह फिर से पाकिस्तान के खिलाफ मैच गंवा सकती है।

शिखर धवन

शिखर धवन – फोटो : सोशल मीडिया 

बाएं हाथ के बल्लेबाज की कमी
भारतीय टीम में बाएं हाथ का कोई बल्लेबाज नहीं है। शुरुआती चार बल्लेबाज दाएं हाथ के हैं। पांचवें नंबर पर ऋषभ पंत को मौका दिया जा सकता है, लेकिन फिलहाल उनकी जगह दिनेश कार्तिक को मौका दिया जा रहा है। ऐसे में अक्षर पटेल भारतीय टीम में एकमात्र बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। ऑस्ट्रेलियाई पिचों में अक्षर की बल्लेबाजी की परीक्षा बाकी है। ऐसे में टीम इंडिया के खिलाफ रणनीति बनाने में विपक्षी टीम को आसानी होगी। पहले शिखर धवन और रोहित की जोड़ी भारत के लिए पारी की शुरुआत करती थी, लेकिन अब धवन टीम में नहीं हैं। बाएं और दाएं हाथ के बल्लेबाजी क्रीज पर होने से गेंदबाजों को परेशानी होती है और बल्लेबाजों को इसका फायदा मिलता है, लेकिन भारतीय टीम में बाएं हाथ का बल्लेबाज नहीं होने से टीम इंडिया को यह फायदा नहीं मिलेगा।