रायपुर । राजधानी रायपुर से करीब 150 किलोमीटर दूर महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लाक का पैकिन गांव इन दिनों सुर्खियों में है। इस गांव के एक साधारण परिवार का लड़का 500 करोड़ के कोयला परिवहन घोटाले के मास्टमाइंड के रूप में उभरकर सामने आया है। ईडी के 40 अधिकारियों की टीम कोयला घोटाले में नेता, अफसर और कारोबारियों के अवैध गठजोड़ की जांच कर रही है। ईडी ने कोर्ट में जो दस्तावेज पेश किए हैं, उसमें कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है। सूर्यकांत सामान्य परिवार का है। उसके पिता वकील थे।
छात्र जीवन में कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन एनएसयूआइ से राजनीति की शुरुआत करने वाले सूर्यकांत को कांग्रेस के ताकतवर नेता रहे स्व विद्याचरण शुक्ल का करीबी माना जाता था। वह युवक कांग्रेस की राजनीति में भी सक्रिय रह चुका है। वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन किया गया और यहां अजीत जोगी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी।
विद्याचरण शुक्ल व अजीत जोगी एक दूसरे के धुर विरोधी थे। सूर्यकांत महत्वाकांक्षी था। जोगी मुख्यमंत्री बने तो सूर्यकांत ने विद्याचरण से किनारा कर लिया और रायपुर के एक महापौर के साथ गठजोड़ करके जोगी से करीबी बना ली। जोगी के समय सूर्यकांत रियल एस्टेट के कारोबार में सक्रिय था।
सूर्यकांत को जानने वालों का कहना है कि वह हमेशा सत्ता के करीब रहा। 2003 के चुनाव में यहां भाजपा की सरकार बनी। डा रमन सिंह मुख्यमंत्री बने। भाजपा की सरकार 15 वर्ष तक रही। भाजपा की सरकार में भी सूर्यकांत सत्ता के करीब रहा। मुख्यमंत्री डा रमन सिंह व उनकी सरकार के दो मंत्रियों से उसने करीबी बनाई थी। भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही सूर्यकांत ने कोयले के कारोबार में प्रवेश किया। ईडी की जांच में सूर्यकांत का नाम सामने आने के बाद कांग्रेस नेताओं ने पूर्व सीएम रमन के साथ उनकी तस्वीरों को इंटरनेट मीडिया पर जमकर प्रचारित किया।
वर्ष 2018 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आने के बाद आइएएस अधिकारियों के माध्यम से सूर्यकांत की सत्ता में पहुंच बढ़ गई। इसके बाद अधिकारियों के साथ साठगांठ करके वह रियल एस्टेट, ठेकेदारी और कोयला परिवहन के कारोबार में एकछत्र राज कायम करने की दिशा में आगे बढ़ गया।
सूर्यकांत के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके बीमार होने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधायक अस्पताल में हाल-चाल पूछने पहुंचे थे। कांग्रेस की राजनीति में हाशिए पर पड़े अपने ससुर अग्नि चंद्राकर को सूर्यकांत ने बीज विकास निगम का अध्यक्ष भी बनवा दिया। पिछले चार साल में महासमुंद और रायपुर में सूर्यकांत ने करोड़ों स्र्पये की जमीन खरीदी, जिसकी जांच ईडी कर रही है। ईडी ने कोर्ट में बताया है कि सूर्यकांत के साथ मिलकर आइएएस समीर बिश्नोई ने करोड़ों की हेराफेरी की है।