कोरबाः चंद सेकेंड में गगनचुंबी चिमनी जमींदोज,वंदना पावर प्लांट पर था 223 करोड़ का कर्ज; 2015 में बैंक ने कर ली थी संपत्ति जब्त; देखें वीडियो

कोरबा। जिले में शुक्रवार को बंद पड़े एक पॉवर प्लांट की गगनचुंबी चिमनी चंद सेकेंड में जमींदोज हो गई। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। जिले के छुरीकला गांव के पास वंदना पॉवर प्लांट स्थापित किया गया था। साल 2008-09 में लगभग 700 एकड़ से अधिक भूमि का अधिग्रहण किया गया था, जिसमें 1050 मेगावाट क्षमता वाला संयंत्र स्थापित करने की योजना थी।

पहले चरण में 35 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की गई थी। अप्रैल 2012 में इकाई शुरू भी कर दी गई थी, लेकिन 4 महीने के अंदर ही यूनिट बंद करना पड़ गया। कंपनी पर कर्ज बढ़ता गया, जिसके कारण संयंत्र को बंद करना पड़ा था। यहां दो चिमनियां बनाई गई थी, जिसमें से एक चिमनी को डिस्मेंटल कर दिया गया है। इस दौरान कुछ ग्रामीणों के मकान भी क्षतिग्रस्त हुए, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो गई। सूचना मिलने पर डायल 112 की टीम मौके पर पहुंची। कंपनी के अफसरों द्वारा प्रभावित ग्रामीणों को क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ।

चमनी की गई डिस्मेंटल।

चमनी की गई डिस्मेंटल।

इस संबंध में कंपनी के डायरेक्टर प्रहलाद अग्रवाल से फोन पर बातचीत की गई, तो उनका कहना है कि चिमनी गिराने के संबंध में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। कोयला आपूर्ति नहीं होने के कारण वंदना पावर प्लांट बंद हो गया था, जिसके बाद कर्ज में जाने के चलते उसे बैंक ने जब्त कर लिया था। वहीं कटघोरा थाना प्रभारी अश्विनी राठौर ने कहा कि चिमनी ध्वस्त करने के दौरान थाने से स्टाफ भेजा गया था, ताकि कोई हादसा न हो जाए।

बंद पड़ा पावर प्लांट।

बंद पड़ा पावर प्लांट।

कर्ज में डूबे वंदना पॉवर प्लांट की संपत्ति को बैंक ने 17 अगस्त 2015 को जब्त कर लिया था। महाप्रबंधक भू-आवंटन CSIDC ने पंजाब नेशनल बैंक के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर कहा था कि इसका विक्रय केवल सीएसआईडीसी ही कर सकती है। इस भूमि का लीज, रेंट चुकता नहीं करने और प्लांट शुरू नहीं करने के कारण इसका लीज निरस्त कर दिया गया था।

10 साल पहले 2012 में हुई थी संयंत्र की स्थापना

कटघोरा विकासखंड के ग्राम छुरीखुर्द के पास 35-35 मेगावाट की दो इकाई स्थापित करने वंदना एनर्जी एंड स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड के लिए 29.54 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की थी। कंपनी ने पहले चरण में 35 मेगावाट की एक इकाई स्थापित की। कंपनी की 35 मेगावाट संयंत्र की संपत्ति बैंकों ने पहले ही जब्त कर ली थी। कंपनी पर 223.71 करोड़ का कर्ज है। किस्त और ब्याज की राशि जमा नहीं की जा रही थी। लगातार नोटिस के बाद बैंकों ने संयंत्र की जमीन, प्रशासनिक भवन और प्लांट की मशीनरी को जब्त किया।

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