कोरबा। कोरबा कलेक्ट्रेट स्थित माइनिंग ऑफिस में भी आज ईडी ने छापा मारा है। ईडी के अधिकारियों द्वारा कोरबा में खनिज विभाग के अधिकारियों से पूछताछ की जा रही है।
ईडी की टीम कोरबा पहले से पहुंची हुई थी। तीन गाड़ियों में सवार ईडी की टीम ने आज दोपहर लगभग 12:30 बजे कोरबा कलेक्ट्रेट में प्रवेश किया। टीम के कई सदस्य खनिज विभाग के दफ्तर गए और वहां पूछताछ करते हुए कागजातों को खंगालना शुरू कर दिया। कुछ अधिकारी अन्य प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठकर भी जानकारी हासिल कर रहे हैं। ईडी के छापे के दौरान जिन भी लोगों ने अपने मोबाइल से रिकॉर्ड करना चाहा उनके मोबाइल ईडी की टीम ने रखवा लिए हैं। ईडी टीम के अचानक कोरबा पहुंचने और कलेक्ट्रेट परिसर में जांच करने से हड़कंप मच गया है। देखना है कि ईडी की टीम को माइनिंग ऑफिस से किस तरह के दस्तावेज प्राप्त होते हैं?
मालूम हो कि ED की एक बड़ी टीम ने सीआरपीएफ के सुरक्षा घेरे के साथ मंगलवार तड़के छत्तीसगढ़ के कई जिलों में फैले 40 ठिकानों पर एक साथ दबिश दी थी। इनमें रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू का सरकारी आवास भी शामिल था। उसके अलावा खनिज विभाग के संचालक IAS जेपी मौर्या, चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी समीर विश्नोई, पूर्व विधायक अग्नि चंद्राकर सहित कोयला और परिवहन कारोबार से जुड़े तमाम व्यापारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट के यहां छापा पड़ा था। रायगढ़ में रानू साहू नहीं मिली तो एजेंसी ने उनके सरकारी आवास को सील कर दिया था।
ED ने चिप्स के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और IAS अधिकारी समीर विश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है। उनके अलावा कारोबारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और नवनीत तिवारी की भी गिरफ्तारी हुई है। एजेंसी आज चारों को रायपुर की स्थानीय अदालत में पेश करने वाली है।
बताया जा रहा है, ED रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू से भी पूछताछ करेगी। उनकी मौजूदगी में उनके सरकारी आवास का सील खोलकर तलाशी भी ली जाएगी। हालांकि अभी तक ED ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।