छत्तीसगढ़ः बम्लेश्वरी मां के दरबार में देर रात से पहुंचे भक्त, 1600 फीट ऊंचे पहाड़ पर बिराजी मां के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ 

डोंगरगढ़। दुर्ग संभाग से 67 किलोमीटर और राजनांदगांव जिला मुख्यालय से 36 किलोमीटर दूर स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर आस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां साल भर भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन नवरात्रि में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को मां के दरबार में माथा टेकने के लिए देर रात से भक्तों का जत्था पहुंचना शुरू हो गया है।

मां बम्लेश्वरी माता का मंदिर

मां बम्लेश्वरी माता का मंदिर

नवरात्रि में नौ दिन तक डोंगरगढ़ में हर दिन लाखों भक्त मां के दर्शन करने पहुंचते हैं। दूसरे राज्यों तक से भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं। इसी कारण डोंगरगढ़ रेलवे स्टेशन में हर एक्सप्रेस व लोकल ट्रेन का स्टॉपेज है। इतना ही नहीं कई बार तो यहां स्पेशल ट्रेन तक चलाई जाती है। लोगों की आस्था और उनकी सुरक्षा को लेकर जिला व पुलिस प्रशासन भी काफी गंभीर रहता है। सुरक्षा में किसी तरह की चूक हो इसके लिए पूरा ध्यान रखा जाता है। यहां चप्पे-चप्पे पर पुलिस व सीसीटीवी कैमरों की नजर रहती है। हर एक भक्त को माता के दरबार पहुंचने से पहले एक विशेष प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। स्कैनर से स्कैन करने के साथ उसकी पूरी तलाशी ली जाती है। इसके बाद ही भक्त मंदिर प्रांगण में घुस पाता है।

छत्तीसगढ़ का एक मात्र रोपवे डोंगरगढ़ में बनाया गया।

छत्तीसगढ़ का एक मात्र रोपवे डोंगरगढ़ में बनाया गया।

इतिहास की बात करें तो मां बम्लेश्वरी का मंदिर दो हजार साल पुराना है। यह 1600 फीट ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। बुजुर्ग लोग भी मां के दर्शन कर सकें इसके लिए यहां रोपवे बनाया गया है। यह छत्तीसगढ़ राज्य का एक मात्र रोपवे है।

छोटी मां बम्लेश्वरी का अद्भुत मंदिर

छोटी मां बम्लेश्वरी का अद्भुत मंदिर

छोटी माता के दर्शन बगैर नहीं मिलता पूरा फल
डोंगरगढ़ में 1600 फिट ऊंचाई पर स्थित बम्लेश्वरी माता के मंदिर के अलावा नीचे समतल भाग में भी एक मंदिर है। पहाड़ के मंदिर को बड़ी बम्लेश्वरी का मंदिर और नीचे समतल जमीन पर स्थित मंदिर को छोटी बम्लेश्वरी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता कि दर्शन का पूरा फल तभी मिलता है जब दोनों माता के दर्शन पूरे होते हैं। इसके साथ ही यहां प्राचीन बजरंगबली मंदिर, नाग वासुकी मंदिर, शीतला और दादी मां जैसे और भी मंदिर स्थित हैं।

सुरक्षा व्यवस्था के रहते हैं पुख्ता इंतजाम

सुरक्षा व्यवस्था के रहते हैं पुख्ता इंतजाम

नवरात्रि में लगता है भव्य मेला
डोंगरगढ़ में साल की दोनों नवरात्रि में भक्तों की काफी भीड़ लगती है। इसके चलते यहां भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है। माता के दरबार तक पहुंचने के लिए सीढ़ी और रोपवे दोनों सुविधाएं यहां हैं। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस प्रशासन भी चुस्त दुरुस्त रहता है। नौ दिन पूरे क्षेत्र में 1000 पुलिस जवानों की ड्यूटी यहां लगाई गई है। इसके अलावा यहां तीन कंट्रोल रूम बनाए गए हैं। पूरे क्षेत्र की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।

मंदिर में जाने के लिए बनाया गया है भव्य प्रवेश द्वार

मंदिर में जाने के लिए बनाया गया है भव्य प्रवेश द्वार

सड़क और ट्रेन मार्ग से पहुंचते हैं भक्त
डोंगरगढ़ हावड़ा मुंबई रेल मार्ग पर स्थित है। यहां स्थित रेलवे स्टेशन पर सभी लोकल व एक्सप्रेस ट्रेनों का स्टॉपेज दिया गया है। इसके अलावा भक्त सड़क मार्ग से भी यहां पहुंच सकते हैं।