छत्तीसगढ़ः नवरात्रि पर सजा मां का दरबार, रतनपुर के महामाया मंदिर में 25 हजार, दंतेश्वरी मंदिर में 10 हजार ज्योति प्रज्वलित; उमड़ी भक्तों की भीड़ 

रायपुर। आज से शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो गई है। छत्तीसगढ़ के प्रमुख माता के मंदिरों में भक्तों की भीड़ हैं। दंतेवाड़ा में बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी की पहले दिन विशेष पूजा हुई। रतनपुर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी में 25 हजार और दंतेश्वरी माता के दरबार में करीब 10 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं। देर रात से ही भक्तों की भीड़ लगी हुई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मां बम्लेश्वरी मंदिर पहुंचकर दर्शन करेंगे। भीड़ को देखते हुए सभी मंदिरों पर सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस साल 9 दिनों तक लाखों की संख्या में भक्त देवी मां के दरबार में पहुंचेंगे।

प्रवेश द्वार।

प्रवेश द्वार।

VIP दर्शन की व्यवस्था

माता के दरबार में इस साल करीब 10 हजार ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं। मंदिर समिति की मानें तो इस साल VIP दर्शन की व्यवस्था की गई है। इसके लिए भक्त 2100 रुपए की रसीद लेकर गर्भगृह तक प्रवेश कर सकते हैं। इसमें 1 परिवार के 4 सदस्यों समेत 2 बच्चे शामिल हो सकते हैं। इधर, अन्य जो भी भक्त माता के दरबार पहुंचेंगे उन्हें गर्भगृह से पहले ही रोक दिया जाएगा। वे गणेश जी की मूर्ति के पास से ही माता के दर्शन कर सकते हैं।आज पहले दिन से ही VIP दर्शन की शुरुआत हो जाएगी।

मंदिर से लेकर जय स्तंभ तक सजाया गया।

मंदिर से लेकर जय स्तंभ तक सजाया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन

मां दंतेश्वरी परिसर के मेनका डोबरा मैदान में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया है। इसमें 26 तारीख से 4 अक्टूबर तक रायपुर से लेकर रायगढ़ और दंतेवाड़ा के स्थानीय म्यूजिकल ग्रुप अलग-अलग दिन जगराता करेंगे। स्कूली बच्चों के कार्यक्रम भी प्रस्तुति होंगे। कोरोना के बाद से यह पहला ऐसा मौका होगा जब इस तरह का भव्य आयोजन किया जा रहा है।

रंगीन झालरों से पूरा मंदिर सजाया गया है।

रंगीन झालरों से पूरा मंदिर सजाया गया है।

पदयात्रियों के लिए सुविधा केंद्र

प्रशासन ने इस साल पद यात्रियों के लिए भी इंतजाम किए हैं। इस साल जिले में बीजापुर, जगदलपुर और सुकमा-बचेली की तरफ से मंदिर तक आने वाले मार्गों में लगभग 12 से 15 सुविधा केंद्र और पंडाल बनाए गए हैं। यहां मेडिकल से लेकर भोजन तक की व्यवस्था की गई है। इसमें समिति के सदस्यों का बड़ा योगदान मिल रहा है। इधर, मंदिर के मुख्य द्वार से लेकर जय स्तंभ चौक तक रंगीन झालरों से माता का दरबार सजाया गया है, जो आकर्षण का केंद्र है।

दो हजार साल पुराना मां बम्लेश्वरी मंदिर

नवरात्रि में 9 दिन तक डोंगरगढ़ में हर दिन लाखों भक्त मां के दर्शन करने पहुंचते हैं। नवरात्रि के पहले दिन सोमवार को मां के दरबार में माथा टेकने के लिए देर रात से भक्तों का जत्था पहुंचना शुरू हो गया है।दूसरे राज्यों तक से भक्त बड़ी संख्या में यहां आते हैं। मां बम्लेश्वरी का मंदिर दो हजार साल पुराना है। यह 1600 फीट ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए 1000 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। बुजुर्ग लोग भी मां के दर्शन कर सकें इसके लिए यहां रोपवे बनाया गया है।

मां बम्लेश्वरी मंदिर

मां बम्लेश्वरी मंदिर

देश के 51 शक्तिपीठों में से एक रतनपुर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी हैं। नवरात्रि में नवरात्रि पर्व के पहले ही दिन भक्तों की भीड़ मंदिर में जुटने लगी है। यहां इस बार 25 हजार मनोकामना ज्योति प्रज्वलित हो रही है। इसमें 19 हजार 850 तेल और 2900 घी की ज्योति हैं। इसके अलावा आजीवन जल रही ज्योति में तेल की 1190 और घी की 451 संख्या हैं।

25 हजार मनोकामना ज्योति

25 हजार मनोकामना ज्योति

कोरोना की वजह से दो साल से नवरात्रि पर मंदिर में भक्तों की भीड़ नहीं जुटने दी जा रही थी। हालात सामान्य होने पर अनुमान लगाया जा रहा है कि, इस साल भक्तों की संख्या दोगुनी हो सकती है। भक्तों की आस्था का ख्याल रखते हुए मंदिर में बेहतर इंतजाम भी किए गए हैं।