छत्तीसगढ़ः अदालत पहुंचेगी ‘गंगा की सौगंध’, रमन सिंह ने कहा-गंगाजल उठाकर भी शराबबंदी नहीं कर रही है सरकार, कांग्रेस बोली- झूठा; कानूनी नोटिस देंगे 

रायपुर। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल की कसम खाई थी। अब 2023 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले यह कसम मुद्दा बनता दिख रहा है। भाजपा ने महासमुंद में गंगाजल कलश यात्रा शुरू की है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसमें कहा कि कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल की कसम खाकर शराबबंदी का वादा किया था। अब चार साल में भी शराबबंदी नहीं लागू कर पाए। कांग्रेस ने इस बयान को झूठ बताया है। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि रमन सिंह इस झूठ के लिए माफी मांगें नहीं तो कांग्रेस कानूनी कार्रवाई करेगी।

कांग्रेस ने रविवार को प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में 2018 में हुई उस पत्रकार वार्ता का वीडियो भी दिखाया, जिसमें कांग्रेस के तत्कालीन नेता आरपीएन सिंह किसानों की कर्जमाफी के मुद्दे पर गंगाजल उठाते दिख रहे हैं। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा, उस पत्रकार वार्ता में वे खुद भी थे। उन लोगों ने कर्जमाफी का वादा लेकर गंगाजल उठाया था। कहा गया था कि सरकार बनने के 10 दिन के भीतर कर्ज माफ किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार ने 2 घंटे के भीतर कर्जमाफी का फैसला लेकर गंगाजल का सम्मान रखा। रमन सिंह और भाजपा तो लगातार गंगाजल और उसकी कसम का अपमान कर रहे हैं।

त्रिवेदी ने कहा, डॉ. रमन सिंह उस समय मुख्यमंत्री थे। वे अगर इस विषय में गलत बयानी करें तो इससे ज्यादा दु:खद कुछ नहीं हो सकता। रमन सिंह को भी पता है कि वे झूठ बोल रहे हैं। हमने उन्हें तीन दिन का समय दिया है। इसके भीतर उन्होंने गंगाजल लेकर अपने इस बयान का खंडन नहीं किया तो कानूनी कार्रवाई होगी। उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। नहीं माने तो रिपोर्ट दर्ज होगी।

चुनौती: भाजपा नेता ही उठा लें गंगाजल

कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल ने कहा, भाजपा अगर गंगाजल का सम्मान करती है तो उसके नेता गंगाजल उठाकर यह कसम खालें कि कांग्रेस नेताओं ने घोषणापत्र के सभी वादों के लिए गंगाजल उठाया था। अगर आवश्यकता पड़ेगी तो उन्हें गंगाजल मैं उपलब्ध करा दूंगा।

भाजपा की अफवाह रोकने के लिए उठाना पड़ा था गंगाजल

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, 2018 में भी गंगाजल की कसम खाने की वजह भाजपा ही थी। भाजपा के आईटी सेल ने सोशल मीडिया में एक फर्जी पत्र वायरल किया था। उस समय के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन के फर्जी लेटरपैड पर संचार विभाग के तत्कालीन प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी के जाली हस्ताक्षर के साथ इसको जारी किया गया था। इसमें यह भ्रम फैलाने की कोशिश थी कि कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा जा रहा है कि कर्जमाफी वाली बात गलत है, इसपर जोर नहीं देना है। इस फर्जीवाड़े को काउंटर करने के लिए नेताओं ने गंगाजल उठाकर कर्जमाफी का वादा दोहराया था।

भाजपा पर साजिशन भ्रम फैलाने का आरोप

कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने भाजपा पर साजिशन भ्रामक सूचनाएं फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, झूठ बोलकर राजनीति करना भाजपा की फितरत हो गई है। पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने एक ट्वीट किया। उसे डॉ. रमन सिंह ने रीट्वीट किया। ट्विटर ने ही उसे मेनुपुलेटेड का टैग लगा दिया।

अभी भारत जोड़ो यात्रा शुरू हुई तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सरेआम झूठ बोला कि राहुल गांधी कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद के स्मारक नहीं गए। अभी राहुल गांधी के साथ यात्रा में चल रही एक स्टूडेंट यूनिअन की नेता को ओवैसी की सभा में पाकिस्तान जिंदाबाद कहने वाली लड़की बताने की कोशिश हुई। आरपी सिंह का कहना था, हर बार इनका झूठ मुंह के बल गिरता है लेकिन ये लोग फिर से ऐसा झूठ फैलाना शुरू कर देते हैं।