छत्तीसगढ़ः प्रदेश के कई हिस्सों में आज बारिश, 5 अक्टूबर के बाद लौटेगा मानसून; 15 अक्टूबर तक बरसात का मौसम खत्म 

रायपुर। दक्षिण-पश्चिम मानसून की राजस्थान से वापसी शुरू हो गई है। अनुमान है कि यह लौटता हुआ मौसमी तंत्र पांच अक्टूबर को छत्तीसगढ़ की उत्तरी सीमाओं को छुएगा। 15 अक्टूबर तक यह बस्तर के दक्षिणी बिंदु से बाहर निकल जाएगा। इसी के साथ छत्तीसगढ़ में जून से शुरू हुआ बरसात का मौसम खत्म हो जाएगा। इधर, प्रदेश के कई हिस्सों में आज भी बारिश की संभावना है।

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई दक्षिण-पश्चिम राजस्थान और उससे लगे क्षेत्र से 20 सितंबर को ही शुरू हो गई है। अभी यह दक्षिण-खाजूवाला, बीकानेर, जोधपुर, और नलिया है। उसके बाद यह धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी। मौसम विज्ञानियों का अनुमान है कि स्थानीय परिस्थितियों की वजह से इस बार वापसी की रफ्तार धीमी है। इसकी वजह से लौटता हुआ मानसून पांच अक्टूबर को छत्तीसगढ़ की सीमा में पहुंचेगा। उसके बाद अगले 10 दिनों में धीरे-धीरे पीछे हटता हुआ बाहर निकल जाएगा।

मानचित्र में लाल रेखाओं से मानसून की वापसी का संभावित मार्ग दिखाया गया है।

मानचित्र में लाल रेखाओं से मानसून की वापसी का संभावित मार्ग दिखाया गया है।

मानसूनी बादलों के बाहर चले जाने के बाद बरसात का मौसम आधिकारिक रूप से खत्म हो जाएगा। उसके बाद की बरसात केवल स्थानीय मौसमी तंत्र की वजह से संभव होगी। उसमें निरंतरता नहीं होगी। छत्तीसगढ़ में इस साल 13 से 15 जून के बीच मानसून का आगमन हुआ था। जून-जुलाई और अगस्त के आखिर में खूब बरसात हुई। 21 सितम्बर तक प्रदेश में औसतन 1222 मिलीमीटर बरसात हो चुकी थी। इसकी वजह से प्रदेश में इस बार नदियो-जलाशयों में अच्छा जलभराव हुआ है। वहीं खरीफ की फसल भी अच्छी है।

पिछले साल बहुत तेजी से पीछे हटा था मानसून

मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2021 में दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी देर में शुरू हुई। लेकिन वह बहुत तेजी से पीछे हटा था। आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान से मानसून की वापसी 6-7 अक्टूबर को शुरू हुई थी। तीन-चार दिनों में ही यानी 9 अक्टूबर को पीछे हटता हुआ मानसून छत्तीसगढ़ पहुंच गया। 12-13 अक्टूबर को वह बस्तर के दक्षिणी बिंदु को पार कर गया था।

रायपुर में पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर बरसात जारी है।

रायपुर में पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर बरसात जारी है।

अभी बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का असर

मौसम विज्ञानियों के मुताबिक एक निम्न दाब का क्षेत्र उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और उससे लगे उत्तर तटीय ओडिशा-तटीय पश्चिम बंगाल के ऊपर स्थित है। इसके साथ ऊपरी हवा का चक्रीय चक्रवाती घेरा 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक विस्तारित है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ने की संभावना है। वहीं एक द्रोणिका निम्न दाब के क्षेत्र से दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश तक फैली हुई है।

प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में आज बरसात

इस मौसमी तंत्र के प्रभाव से 21 सितंबर को प्रदेश के अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने अथवा गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना है। प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ वज्रपात होने तथा भारी वर्षा भी होने की भी संभावना बन रही है। भारी वर्षा का क्षेत्र मुख्यतः मध्य छत्तीसगढ़ रहने की संभावना है।