
हिसार । ज्योति मल्होत्रा के घर से मिली डायरी में लिखे संस्मरण और मन की बातों से पता चलता है कि वह किसी भी जगह जाने से पहले पूरा होमवर्क करती थी। देश-विदेश से संबंधित सभी तरह की जानकारी अपनी डायरी में नोट करके रखती थी। इस डायरी के करीब 10 पन्नों पर इसी तरह के नोट्स बनाए गए हैं। तीन पेजों पर पाकिस्तान यात्रा का जिक्र है। आठ पेजों पर अंग्रेजी में लिखा है, जबकि पाकिस्तान के बारे में तीनों पेज पर हिंदी में लिखा है।

साल 2012 के कैलेंडर को दर्शाती इस डायरी के पीले रंग के पन्नों पर ज्योति ने मन की भावनाएं भी उकेरी हैं। यात्रा के दौरान जो सूचनाएं जुटाईं, यात्रा पर जाने से लेकर आने तक, जो भी अनुभव रहे, उन्हें इस डायरी में साझा किया है।

महाभारत, रामायण, ब्राह्मण, क्षत्रिय, ईसवीं, रजिया सुल्तान, कुतुबमीनार जैसे शब्द हैं। वहीं विदेशों के बारे में ऐसी जानकारी है, जिसमें तकनीकी शब्द प्रयोग किए गए हैं। कुछ पन्नों पर यात्रा खर्च का भी जिक्र है।

हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं…
ज्योति ने पाकिस्तान को लेकर लिखा है… पाकिस्तान से 10 दिन का सफर तय करके आज आ गई हूं अपने देश इंडिया/भारत। इस दौरान पाकिस्तान की आवाम से काफी महोब्बत मिली। हमारे सबस्क्राइबर, फ्रेंडस भी हमसे मिलने आए। लाहौर घूमने के लिए मिला दो दिन का वक्त काफी कम था।

सरहदों की दूरियां पता नहीं कब तक बरकरार रहेंगी पर दिलों में जो गिले शिकवे हैं वो मिट जाएं। हम सब एक ही धरती, एक ही मिट्टी के हैं। अगर ऐसा कुछ हो जिसको वीडियो में शेयर न किया हो तो आप बेझिझक कमेंट में पूछ सकते हैं। अब दीजिए इजाजत पाकिस्तान की सरहद यहीं तक थी।

बंटवारे का दर्द भी किया है उजागर
ज्योति ने लिखा, रिक्वेस्ट है कि पाकिस्तान गवर्नमेंट इंडियंस के लिए और भी गुरुद्वारे और मंदिरों के रास्ते खोले, सहूलियत पैदा करे कि हिंदू लोग भी वहां विजिट कर पाएं। वहां के मंदिरों को भी प्रोटेक्ट करें और अपनी फैमिली जो 1947 के समय बिछड़ गई थी उनसे मिल पाएं। पाकिस्तान की बस के बारे में जितना कहो उतना कम। क्रेजी एंड कलरफुल।

ज्ञात हो कि ज्योति मल्होत्रा का परिवार भारत-पाक बंटवारे में पाकिस्तान से संयुक्त पंजाब के फरीदकोट में आकर बसा था। यहां पांच महीने किराए के मकान में रहने के बाद परिवार हिसार आ गया था। ज्योति के दादा और ताऊ-चाचा हिसार में भी दो जगह किराए पर रहे। कुछ साल पहले न्यू अग्रसेन कॉलोनी में ज्योति के पिता ने 55 गज का घर बनाया था।

ज्योति के पिता
बेटी की गिरफ्तारी से अवसाद में पिता
इकलौती बेटी ज्योति की गिरफ्तारी के बाद पिता हरीश मल्होत्रा अवसाद में हैं। न ठीक से सो पा रहे हैं और न ही खा पा रहे हैं। घर में बिखरे सामान को कोई व्यवस्थित करने वाला नहीं है। उनके पास न स्मार्ट फोन है और न ही वे ज्यादा पढ़े लिखे हैं। जो आंखें ज्योति की शादी के सपने देखे रही थीं, उन्हीं आंखों में निराशा के भाव छाए हैं।

एनआईए ने ज्योति 7 घंटे की पूछताछ
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में पकड़ी गई यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा से सोमवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने करीब सात घंटे तक पूछताछ की। एजेंसी की टीम उससे पहलगाम आतंकी हमले से जुड़े लिंक खंगालने की कोशिश कर रही है। इस संबंध में उससे कई सवाल किए। पहलगाम की घटना के दौरान वह कहां थी और जनवरी में पहलगाम जाने का क्या मकसद था। इस बारे में एजेंसी ने सवाल किए।

एनआईए की टीम ज्योति मल्होत्रा के महज दो साल में तीन बार पाकिस्तान जाने, उस वक्त पहलगाम जाने जब आमतौर पर वहां पर्यटक नहीं आते और आतंकी हमले की टाइमिंग को जोड़कर जांच कर रही है। सूत्रों ने बताया कि एनआईए कई पहलुओं से जांच कर रही है।

ज्योति का 2024 में पाकिस्तान जाना, जनवरी 2025 में पहलगाम जाना, पाकिस्तान की साफ छवि दिखाने, वहां रह रहे हिंदुओं के प्रति सद्भावना के वीडियो बनाने, पहलगाम के वीडियो अपलोड करना जांच एजेंसी को अखर रहे हैं।

ज्योति ने जनवरी में पहलगाम के अलावा गुलमर्ग, डल लेक, लद्दाख की पैंगॉन्ग झील के वीडियो भी बनाए हैं। इन वीडियो से पाकिस्तान में बैठे आतंकियों को किसी तरह की मदद मिली या नहीं। ये वीडियो अनजाने में बनाए गए या किसी के कहने पर, इन सब सवालों के जवाब एनआईए तलाश रही है।

इसके साथ ही पुलिस ज्योति की लोकेशन भी लगातार बदल रही है। कभी उसे महिला थाना, कभी सिविल लाइन थाना तो कभी सीआईए में ले जाकर पूछताछ की जा रही है।

देर रात घर लेकर पहुंची पुलिस
पुलिस की टीम रविवार देर रात ज्योति मल्होत्रा को लेकर उसके घर पहुंची। ज्योति को अपने कपड़े लेने के बाद वापस अपने साथ ले गई। पिता हरीश मल्होत्रा ने बताया कि पुलिस टीम में तीन महिला कर्मियों सहित पांच-छह लोग थे।

मोबाइल, लैपटॉप खंगाल रही
ज्योति के लैपटॉप, मोबाइल को जांच के लिए करनाल के मधुबन भेजा गया है। एफएसएल की टीम इनका डाटा खंगाल रही है। हिसार पुलिस को एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार है। इस रिपोर्ट से कई राज खुलने की संभावना है। पुलिस ने हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सदस्य हरकीरत को तो छोड़ दिया, लेकिन उसके मोबाइल की जांच की जा रही है।

किसी ने आतंकवादियों की मदद की है तो वह भारतीय नहीं
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ज्योति ने करीब दो मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया था। इसमें वह कह रही है कि किसी ने इन आतंकवादियों की मदद की है, तो वह भारतीय नहीं है। जो भी आतंकवादियों का साथ दे रहा है, वह बहुत गलत कर रहा है।