रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की स्पष्ट चेतावनी के बाद हड़ताल पर बैठे कर्मचारी संगठनों के बीच विवाद गहरा गया है। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन ने गुरुवार को हड़ताल के भविष्य को लेकर दो बैठकें कीं। वहां बवाल की वजह से फेडरेशन किसी फैसले पर नहीं पहुंच पाया। शुक्रवार को इस मुद्दे पर फेडरेशन की फिर से बैठक होनी है। शुक्रवार को ही सरकार के अल्टीमेटम का आखिरी दिन भी है।
छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार को दोपहर बाद राजपत्रित अधिकारी संघ के शंकर नगर स्थित कार्यालय में जिला संयोजकों और संबद्ध संगठनों के अध्यक्षों की बैठक हुई। शुरुआती बातचीत में ही माहौल गर्म हो गया। वहीं कार्यालय में जगह कम पड़ने लगी। कोई नतीजा नहीं निकला तो सभी कर्मचारी नेताओं को रायपुर के बहुउद्देशीय स्कूल में बुलाया गया। वहां देर रात तक बैठक चली। अधिकांश संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी की जो राजनीतिक पार्टी मंहगाई के खिलाफ दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने वाली है उस पार्टी की सरकार को कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उनका कहना था, जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखा जाए।
फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कर्मचारियों से कहा, फेडरेशन ने हड़ताल की मांगों के संबंध में सरकार के सामने अपना पक्ष रखा है। वरिष्ठ मंत्री रविन्द्र चौबे इसमें मध्यस्थता कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया है कि मुख्य सचिव से फेडरेशन के सुझाव अनुसार चर्चा हो चुकी है। मुख्यमंत्री जी से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। जिसमें सार्थक निर्णय लिया जायेगा। वर्मा ने कहा, मंत्री जी (रविंद्र चौबे) ने कहा है कि फेडरेशन जनता की तकलीफ को देखते हुए फिलहाल अपनी जिद छोड़कर हड़ताल वापस ले लें। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील का भी हवाला दिया। इस संबोधन के बाद भी कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि हंगामा करते रहे। उनका कहना था, सरकार का स्पष्ट निर्णय आने तक हड़ताल वापस नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो फिर कर्मचारी एकता को नुकसान पहुंचेगा।
संगठनों ने फिलहाल कमल वर्मा को अधिकृत किया है
कर्मचारी नेताओं ने बताया, बैठक में छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा को अधिकृत किया है कि वे कोर कमेटी की बैठक कर हड़ताल के संबंध में निर्णय लें। बताया जा रहा है कि यह बैठक शुक्रवार को बुलाई गई है। इसी में हड़ताल के भविष्य और आंदोलन की दिशा पर फैसला होना है। माना जा रहा है कि कर्मचारी संगठन हड़ताल को एक अवधि तक स्थगित करने पर सहमत हो जाएंगे।
इस तरह की बात भी आई
फेडरेशन की बैठक में बताया गया कि सरकार कर्मचारियों का एक वर्ष का एरियर जीपीएफ खाते में डाल दे। चाहे तो उसे निकालने पर कुछ वर्षों का प्रतिबंध लगा दे लेकिन महंगाई भत्ते की शेष किश्त दीपावली तक दे दिया जाए। गृह भाड़ा भत्ते के लिए समिति बनाकर निर्णय ले लिया जाए।