रायगढ़। छत्तीसगढ़ में इस सप्ताह 31 जिले हो जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दो और तीन सितम्बर को भव्य समारोह में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिलों का उद्घाटन करने वाले हैं। प्रशासन ने इन आयोजनों में भीड़ जुटाने, मुख्यमंत्री को धन्यवाद देती तख्तियां लहराने और मुख्यमंत्री के समर्थन में नारेबाजी कराने की जिम्मेदारी छोटे-बड़े अफसरों को सौंपी है। इसके लिए बाकायदा लिखित आदेश जारी कर एक-एक अफसर की ड्यूटी तय की गई है।
मुख्यमंत्री का जो कार्यक्रम तय हुआ है उसके मुताबिक 2 सितम्बर को दोपहर 1 बजे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मोहला के मिनी स्टेडियम में छत्तीसगढ़ के 28वें जिले ‘मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी’ का शुभारंभ करेंगे। यहां कार्यक्रम की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करने वाले हैं। अगले दिन यानी 3 सितम्बर को सुबह 11 बजे सारंगढ़ के खेलभाठा मैदान में 30वे जिले के तौर पर ‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’ का शुभारंभ होगा। यहां मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि होंगे( वहीं कार्यक्रम के अध्यक्षता स्कूल शिक्षा तथा आदिम जाति कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम करेंगे।
3 सितम्बर को ही दोपहर एक बजे खैरागढ़ स्थित राजा फतेह सिंह खेल मैदान में छत्तीसगढ़ के नवगठित 31वें जिले के तौर पर ‘खैरागढ़-छुईखदान-गंडई’ का शुभारंभ होना है। यहां समारोह की अध्यक्षता खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री अमरजीत भगत करने वाले हैं। नवगठित जिलों के शुभारंभ के अवसर पर मंत्रीगण सहित सांसद तथा विधायकगण और स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इस समारोह के लिए प्रशासन पिछले 15-20 दिनों से तैयारियों में जुटा हुआ है। इसके लिए विभिन्न स्तर के अफसरों-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। विभिन्न विभागों के अफसरों को गाड़ी की व्यवस्था करने से लेकर, भीड़ जुटाने, उनके हाथों में मुख्यमंत्री को जिले के लिए आभार लिखी तख्तियां पकड़ाने, नारे लगवाने, डीजल, भोजन, पानी की व्यवस्था करने से लेकर मोटरसाइकिल रैली निकलवाने और फूल माला आदि की व्यवस्था करने का काम सौंपा गया है।
इस रोस्टर में देखिए अफसरों को मिला है कैसा-कैसा काम
राजनांदगांव से अलग होगा मोहला-मानपुर-चौकी
नया जिला मोहला-मानपुर-चौकी राजनांदगांव से अलग हो रहा है। इसकी भौगोलिक सीमाएं उत्तर में जिला राजनांदगांव के तहसील छुरिया, दक्षिण में कांकेर की तहसील दुर्गकोंदल, पूर्व में बालोद की तहसील डौंडी, और पश्चिम में महाराष्ट्र की सीमा से लगी हुई है। यह दुर्ग संभाग में आएगा। इसमें तीन तहसील अम्बागढ़ चौकी, मोहला एवं मानपुर शामिल रहेंगे। इस नये जिले में 499 गांव हैं। भौगोलिक क्षेत्रफल कुल 2 लाख 14 हजार 667 हेक्टयर है। यहां कि कुल जनसंख्या 2 लाख 83 हजार 947 है जिसमें अनुसुचित जनजाति की कुल जनसंख्या 1 लाख 79 हजार 662 जो जिले कि कुल जनसंख्या का 63.27% है।
दो जिलों से कटकर बना है सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला
‘सारंगढ़-बिलाईगढ़’, जिला रायगढ़ के उप-खण्ड सारंगढ़, तहसील सारंगढ़ एवं बरमकेला तथा जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के उप-खण्ड बिलाईगढ़ तथा तहसील बिलाईगढ़ को मिलाकर बना है। इसकी उत्तरी सीमा रायगढ़ की पुसौर तहसील से मिलती है। दक्षिण में महासमुंद का सरायपाली जिला, पूर्व में ओडिशा का बरगढ़ जिला है वहीं पश्चिम में बलौदा बाजार जिले की कसडोल तहसील आती है। इस नये जिले की आबादी 6 लाख 17 हजार से कुछ अधिक है। नये जिले में 1406 स्कूल, 7 कॉलेज, 33 बैंक, 03 परियोजना, 141 स्वास्थ्य केन्द्र, 10 थाने और दो चौकी होंगी।
खैरागढ़ का चुनावी वादा अब अस्तित्व में
खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव के समय मुख्यमंत्री ने चुनावी मंच से नये जिले का वादा किया था। कांग्रेस के चुनाव जीतते ही इसकी घोषणा भी हो गई। अब कुछ ही महीनों के अंतराल पर यह जिला अस्तित्व में भी आ जाएगा। राजनांदगांव अलग होकर बने नए जिले के खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के उत्तर में कबीरधाम जिला, दक्षिण में राजनांदगांव का तहसील डोंगरगढ़, पूर्व में बेमेतरा जिले की तहसील साजा और दुर्ग का धमधा तथा पश्चिम में मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की लांजी तहसील की सीमा जुड़ती है। इस जिले की जनसंख्या 3 लाख 68 हजार 444 है। कुल गांवों की संख्या 494 तथा 3 नगरीय निकाय हैं। दो उप खण्ड खैरागढ़ एवं गण्डई-छुईखदान होंगे। तीन तहसील गण्डई, छुईखदान, खैरागढ़ होंगे।