रायपुर। भाजपा की राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी के बयान से छत्तीसगढ़ की राजनीति में बवाल मच गया है। उन्होंने कल कहा था, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को शाप है। अगर उन्होंने सच बोला तो उनका सिर हजार टुकड़ों में बंट जाएगा। बुधवार को नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। डहरिया ने पूछा कि क्या यह मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई साजिश रची जा रही है।
कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन में प्रेस से बात करते हुए नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने कहा, क्या मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई षड्यंत्र किया जा रहा है। जिस तरह से राजीव गांधी को बम से उड़ाया गया, वैसी कोई सोच है बीजेपी की। उन्होंने कहा, झीरम के नर संहार में कांग्रेस ने अपनी एक पूरी पीढ़ी को खो दिया है। यह बयान बताता है कि भाजपा और पुरंदेश्वरी की सोच फासीवादी है। उन्होंने कहा, पुरंदेश्वरी को अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए।
कृषि,पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री रविंद्र चौब ने कहा, भाजपा की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के बयान की हम निंदा करते हैं। मुख्यमंत्री के जन्मदिन पर उनके लिए आपत्तिजनक बयान देना उनकी मानसिकता को दर्शाता है। चौबे ने कहा, पुरंदेश्वरी को अपने बयान के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।
भाजपा के आंदोलन को भी बताया निरर्थक
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने भाजपा के बेरोजगारी के खिलाफ आंदोलन को निरर्थक बताया है। उन्होंने कहा, भाजपा ने 15 साल तक बेरोजगारों को छला है। भाजपा साढ़े तीन साल हल्ला करने की स्थिति में नहीं थी। अब भाजपा के नए महामंत्री को दिखाने की कोशिश हो रही है। दोनों मंत्रियों ने कहा, छत्तीसगढ़ में न बेरोजगारी, न वादाखिलाफी है, न ही जनता में निराशा है। राज्य में ये तीनों ही मुद्दा नहीं है। भाजपा इन मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रही है, लेकिन जनता में इस आंदोलन को लेकर को प्रतिक्रिया नहीं है। जनता का साथ और विश्वास भाजपा के पक्ष में नहीं है।
छत्तीसगढ़ में शहरों से गांव में पलायन का दावा
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने दावा किया कि छत्तीसगढ़ में आज पलायन कम हो गया है। यहां तक कि शहरों से पलायन कर लोग गांव में जाकर बस रहे हैं। किसान फिर से खेती की ओर लौट गए हैं। धान का रकबा बढ़ गया है, किसानों ने खेत बेचने बंद कर दिए हैं। चौबे ने कहा, छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी तो 22% बेरोजगारी थी। आज .78% बेरोजगारी दर है। छत्तीसगढ़ में लगातार सरकारी नौकरियां निकाली जा रही है। व्यापमं और पीएससी के माध्यम से भर्तियां जारी हैं। छत्तीसगढ़ में लगातार रोजगार उपलब्ध कराए गए हैं।