बिलासपुरः वर्दी पहनकर साथियों के साथ लूटती थी ट्रक चालकों को; छत्तीसगढ़ी एक्ट्रेस के पति सहित गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश 

बिलासपुर। पुलिस ने ट्रक चालकों को लूटने वाली छत्तीसगढ़ी एलबम की एक्ट्रेस और उसके ड्राइवर को गिरफ्तार किया है। दोनों वर्दी का रौब दिखाकर कोयला परिवहन करने वाले चालकों से वसूली करते थे। पकड़ी गई एक्ट्रेस एलबम में वर्दी पहनकर रोल करते-करते खुद को पुलिस वाली समझने लगी थी। पहले भी मामला सामने आया था, पर पुलिस अफसरों ने उसे बेकसूर बताकर छोड़ दिया था। गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। मामला कोनी थाना क्षेत्र का है।

रायगढ़ की सुष्मिता देवांगन अपने ट्रक बिलासपुर के ट्रांसपोर्टर देवेंद्र यादव के माध्यम से चलवाती है। झारखंड के पलामू का रहने वाला उमेश राम उनके एक ट्रक का चालक है। वह रोज रायगढ़ से कोयला लोड कर लोखंडी के कोलवाशरी में लेकर आता है। गुरुवार रात 10.30 बजे उसके साथ दो अन्य ट्रक ड्राइवर कोयला लेकर रायगढ़ से लोखंडी आ रहे थे। तभी तुर्काडीह पुल क्रॉस करने के बाद उनकी ट्रक को कार सवार युवकों ने रोक लिया। उन्होंने खुद को पुलिस और माइनिंग विभाग का फील्ड आफिसर बताया।

पुलिस ने महिला और कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया है।

पुलिस ने महिला और कार ड्राइवर को गिरफ्तार किया है।

दो लाख रुपए देने के बहाने साथियों के साथ पहुंचा ट्रांसपोर्टर
आरोपियों ने कोयले में मिलावट करने के नाम पर सभी ट्रक चालकों से एक-एक लाख रुपए की मांग की। इस पर चालक ने ट्रकों को पकड़ने की जानकारी ट्रोसपोर्टर को दी और उनसे बात भी कराई। ट्रांसपोर्टर ने कोयले की बिल्टी होने की बात कही। इसके बाद भी कथित पुलिसकर्मी व माइनिंग अफसर ट्रक को जब्त करने और कोयले को राजसात करने की धमकी देने लगे। तब ट्रांसपोर्टरों ने पूरे मामले की सेटिंग के लिए दो लाख रुपए देने की बात कही और उन्हें तुर्काडीह पुल के पास मिलने के लिए बुलाया।

ट्रांसपोर्टर वहां पकड़ने की योजना बनाकर अपने साथियों के साथ पहुंचा था। वहां कथित पुलिस कर्मी व माइनिंग अफसर भी अलग-अलग तीन कार में दिखे। उन्हें देखकर आरोपी कार सवार युवक भाग निकले। ट्रांसपोर्टर और उसके साथियों ने उन्हें पकड़ने के लिए पीछा भी किया। इस दौरान एक कार कोनी थाने में घुस गई। उसमें सवार युवक कार छोड़कर वहीं छोड़कर भाग निकले। हालांकि भागने से पहले आरोपियों ने ट्रक चालकों से रुपए नहीं देने पर 21 हजार रुपए लूट लिए थे।

फर्जी पुलिसकर्मी, फिर भी दर्ज नहीं की FIR
इस मामले की शिकायत के बाद कार मालिक गायत्री पाटले कोनी थाने पहुंच गई। उसने पुलिस को बताया कि कार को पति संजय भूषण पाटले ड्राइवर के साथ लेकर गए थे। उनका पति अभी तक घर नहीं पहुंचा है। आरोपी गायत्री ने बताया कि वह पुलिस वाली है। इसलिए गाड़ी के आगे-पीछे पुलिस का मोनो लगा रखा है। जब पुलिस ने उसकी पोस्टिंग के बारे में जानकारी ली तो वह हड़बड़ा गई। फिर बताया कि वह छत्तीसगढ़ी एलबम की एक्ट्रेस है। उसमें पुलिस का रोल करती है।

इसके बाद भी पुलिस ने उसे छोड़ दिया। FIR भी दर्ज नहीं की। बाद में SSP पारुल माथुर के निर्देश पर लूट का केस दर्ज किया गया। पुलिस ने रविवार को कार ड्राइवर सिंगरौली निवासी शिवशंकर जायसवाल को दबोच लिया। पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि गायत्री खुद को पुलिसकर्मी बताती है। लूट की गिरोह में वह भी शामिल थी। उसके बयान पर पुलिस ने चालक शिवशंकर के साथ ही गायत्री पाटले को भी गिरफ्तार किया है। वहीं गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।

महिला का बचाव करती रही पुलिस, ड्राइवर ने खोला राज
इस पूरे मामले में कोनी पुलिस और CSP की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगा है। ट्रांसपोर्टर और चालकों की शिकायत पर पुलिस पहले केस दर्ज करने से इंकार करती रही। वहीं, CSP स्नेहिल साहू ने कहा था कि सिर्फ कार की मालिक होने के आधार पर महिला को कैसे आरोपी बनाया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया था कि कार को महिला का पति लेकर गया था। इसलिए महिला के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई है। पति संजय भूषण की जानकारी जुटाई गई, तब वह महाराष्ट्र के चंद्रपुर में होने का पता चला है।