रायपुर। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में लगातार हो रही बारिश अब बड़ी मुसीबत बन गई है। रायपुर से लेकर रायगढ़ और जांजगीर-चांपा से लेकर बस्तर तक हालत बिगड़े हुए हैं। रायगढ़ और जांजगीर-चांपा में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। पामगढ़ में अस्पताल डूब गया है। प्रदेश की सबसे प्रमुख नदी महानदी के किनारे बसे गांव डूबने की कगार पर हैं। ऐसे में उन्हें खाली करा लिया गया है। लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। कांकेर में भी कई गांव टापू बन गए हैं। सुकमा के कोंटा में NH-30 पांच दिन से बंद है।
धमतरी स्थित गंगरेल डैम लबालब भर गया है।इसे देखते हुए उसके सभी 14 गेट सोमवार को खोल दिए गए।
गंगरेल के गेट खुले, रुद्री से छोड़ा गया पानी, महानदी का जलस्तर बढ़ा
लगातार हो रही बारिश से धमतरी स्थित गंगरेल डैम लबालब भर गया है। बारिश के चलते करीब 1 लाख क्यूसेक से अधिक प्रति सेकंड पानी की आवक बनी हुई है। इसे देखते हुए उसके सभी 14 गेट सोमवार को खोल दिए गए थे। वहीं रुद्री बैराज से भी 131000 क्यूसेक पानी महानदी में छोड़ा जा रहा है। इसके चलते शिवरीनारायण सहित महानदी के किनारे के इलाकों में पानी बढ़ने लगा है। लोगों को वहां से बाहर निकालने के लिए मुनादी कराई गई। इसके साथ ही आसपास रहने वालों को वहां से राहत शिविर में पहुंचाया जा रहा है।
शिवरीनारायण सहित महानदी के किनारे के इलाकों में पानी बढ़ने लगा है। लोगों को वहां से बाहर निकालने के लिए मुनादी कराई गई।
शिवरीनारायण में बाढ़ जैसे हालात, SDRF के साथ बोट-नाव तैनात
महानदी का जल स्तर बढ़ने से शिवरीनारायण में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं। इसे देखते हुए SDRF के गोताखोरों को तैनात करने के साथ ही राहत और बचाव के लिए बोट, नाव तैयार की गई है। जांजगीर में जिला स्तर पर बनाए गए कंट्रोल रूम को भी अलर्ट किया गया है। चांपा, जाजंगीर, सक्ती, पामगढ़ और डभरा के एसडीएम, जनपद सीईओं, तहसीलदारों को बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं। शिविरों में लोगों के रहने और भोजन का इंतजाम किया गया है। डॉक्टरों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
शिवरीनारायण में महानदी का जल स्तर बढ़ने के बाद लोगों की भीड़ लग रही है। लोग बड़ी संख्या में रोज वहां नजारा देखने पहुंच रहे हैं।
जांजगीर जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया
जिले में राहत और बचाव के लिए प्रभारी अधिकारी आरके तम्बोली, संयुक्त कलेक्टर (9424164556) और कंट्रोल रूम का 07817-222032 नंबर जारी किया गया है।
पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी भर गया है। अस्पताल काफी पुराना और जर्जर हो चुका है। इसके कारण जगह-जगह से बारिश का पानी रिस रहा है।
पामगढ़ CHC जलमग्न, वार्डों सहित पूरे परिसर में भरा पानी
जांजगीर में लगातार बारिश के चलते चलते पामगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पानी भर गया है। अस्पताल में दर्जन भर से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। परिसर सहित सभी वार्डों में पानी भर गया है। बताया जा रहा है कि अस्पताल काफी पुराना और जर्जर हो चुका है। इसके कारण जगह-जगह से बारिश का पानी रिस रहा है। गंदगी और बदबू की वजह से भी मरीजों और उनके परिजनों को परेशानी हो रही है। मरीजों के साथ अन्य लोगों को भी बरसाती बीमारियों होने का खतरा मंडरा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि शिकायत के बाद भी नहीं सुनी जा रही।
कलेक्टर रानू साहू, एसपी अभिषेक मीणा और विधायक प्रकाश नायक नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे।
रायगढ़ में बाढ़ प्रभावित इलाकों में नाव से पहुंचे विधायक, कलेक्टर
रायगढ़ में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात हैं। इस बीच कलेक्टर रानू साहू, एसपी अभिषेक मीणा और विधायक प्रकाश नायक नाव से बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के लिए पहुंचे। उन्होंने बस्तियों में जाकर वहां के हालात देखे और बचाव व राहत कार्य का जायजा लिया। बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित सूरजगढ़, बोरिदा पहुंचे और वहां लोगों से बातचीत कर हालात का जायजा लिया। उन्होंने पड़ीगांव, सरिया, छिछोरउमरिया में बनाए गए राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया। साथ ही परसापाली,चंगोरी, खपरा पाली का भी निरीक्षण किया।
रायगढ़ कलेक्टर ने बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित सूरजगढ़, बोरिदा पहुंचीं और वहां लोगों से बातचीत कर हालात का जायजा लिया।
नुकसान का सर्वे, शिविर में MBBS डॉक्टर की नियुक्ति के निर्देश
कलेक्टर रानू साहू ने बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए हैं। जिससे प्रभावितों को मुआवजे की राशि जल्द दी जा सके। खपरा पाली में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए उन्होंने लोगों को राहत शिविर में जाने की समझाइश दी। कलेक्टर साहू ने आपात स्थिति के मद्देनजर प्रत्येक राहत शिविर में एक MBBS डॉक्टर तैनात रखने के लिए CMHO डॉ. केसरी को निर्देशित किया। इसके साथ ही उन्होंने पर्याप्त दवाई के साथ बाढ़ की स्थिति में सर्प दंश के उपचार के लिए एंटी वेनम रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर रानू साहू ने बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए हैं। जिससे प्रभावितों को मुआवजे की राशि जल्द दी जा सके।
41 पंचायतों के 67 गांवों में अलर्ट, 29 बाढ़ की चपेट में
आपदा प्रबंधन शाखा के प्रभारी अधिकारी से प्राप्त जानकारी अनुसार रायगढ़ जिला प्रशासन की ओर से तटवर्ती 41 पंचायतों के 67 गांवों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। जिले में फिलहाल 29 गांव बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं। इनमें सरिया के 22, पुसौर के 5 और सारंगढ़ के 2 गांव शामिल हैं। राहत व बचाव कार्य में विभागीय समन्वय के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। पुसौर तहसील में पड़िगांव के शिविर में 500, सारंगढ़ के टिमरलगा शिविर में 175 लोग हैं। छतौना शिविर की भी तैयारी शुरू कर दी गई है।
बारिश से दोनर से धमतरी की ओर आने वाली सड़क जलमग्न है। सारंगपुरी के पुल पर 3 फीट पानी भरने के कारण आवागमन प्रतिबंधित हो गया है।
धमतरी में सारंगपुरी पुल पर 3 फीट पानी, गांव बने टापू
वहीं धमतरी में भी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। लगातार बारिश से दोनर से धमतरी की ओर आने वाली सड़क जलमग्न है। सारंगपुरी के पुल पर 3 फीट पानी भरने के कारण आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित हो गया है। वहीं पानी बढ़ने से गांव में बाढ़ की विकराल स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ऐसे में लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। प्रशासन की ओर से गांवों में राहत कार्य की शुरू किया जा रहा है। दूसरी ओर शहरी इलाकों में भी पानी के चलते कई जगह सड़कें तालाब बन गई हैं। निचले इलाकों में पानी भर गया है।
कांकेर में बारिश से नदी-नाले उफान पर हैं। बड़गांव-प्रतापपुर मार्ग पर आवागमन बंद हो चुका है। मंडागाव, घोटिया नाला उफान होने से दर्जनों गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
पखांजूर में कोटरी नदी पुल डूबा, दर्जनों गांवों का संपर्क टूटा
कांकेर में तीन दिन से लगातार हो रही बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए हैं। पंखाजूर के बड़गांव में कोटरी नदी का जल स्तर बढ़ने से पुराने पुल पर तीन से चार फीट ऊपर पानी बह रहा है। बड़गांव-प्रतापपुर मार्ग पर आवागमन बंद हो चुका है। वहीं मंडागाव, घोटिया नाला उफान होने से दर्जनों गांवों का मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लगातार बारिश से नदियों का जल स्तर बढ़ रहा है। इससे निचले इलाके पीवी 63 और 64 संगम गांवों तक पानी पहुंचने लगा है। प्रशासन ने इन गांवों को अलर्ट जारी कर सावधानी बरतने कहा है।
छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश हाईवे जाम होने से सड़क पर वाहनों की लंबी लाइन लगी है।
गोदावरी शाम से फिर बढ़ने लगी, शबरी के बैकवॉटर से बाढ़ का खतरा
तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में हुई भारी बारिश से गोदावरी और शबरी नदी में जल स्तर बढ़ गया है। सुकमा के कोंटा में जुलाई में आई भीषण बाढ़ का एक बार भी फिर डर सताने लगा है। हालांकि शबरी खतरे के निशान के पास आकर कम हो रही है, लेकिन बैक वॉटर का खतरा बना हुआ है। शबरी के बढ़ने से छत्तीसगढ़ को आंध्र व तेलंगाना से जोड़ने वाली हाईवे 5 दिन से बंद है। इसके भी सुबह तक खुलने की संभावना है। गोदावरी 5 दिनों तक 50 फीट पर जमी रही। 120 घंटे बाद सोमवार दोपहर पानी कम होना शुरू हुआ, पर शाम से फिर बढ़ने लगा।
सुकमा के कोंटा में छत्तीसगढ़-आंध्र प्रदेश को जोड़ने वाले हाईवे पर पानी भरने के बाद पार कर रहा एक ट्रक बीच में ही फंस गया।
कोंटा से करीब 2 किमी दूर वीरापुरम गांव के पास हाईवे पर सोमवार शाम तक 5 फीट के करीब पानी था। इसके चलते वाहनों का आवागमन पूरी तरह से ठप था। पानी कम होने के बाद कुछ बड़े वाहनों ने निकलने का प्रयास भी किया, लेकिन इस बीच एक ट्रक फंस गया। वही राष्ट्रीय राजमार्ग के बंद होने से सैकड़ों गाड़ियों के पहिए जाम हो गए हैं। कई वाहनों ने तो अपना मार्ग बदल कर ओडिशा का रास्ता अपना लिया है।